बैकुंठपुर। कोरिया जिला मुख्यालय स्थित स्थानीय गुरुद्वारा में बुधवार को सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। सुबह से ही गुरुद्वारा परिसर में धार्मिक माहौल बना रहा। गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष पाठ, कीर्तन और अरदास के साथ दिनभर भक्ति का भाव छाया रहा।
गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सदस्यों के सहयोग से सुबह से विशेष सजा-संवार कर दीवान सजाया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में पहुंचकर मत्था टेका और गुरु वाणी का श्रवण किया। दोपहर में वृहद लंगर (भंडारे) का आयोजन किया गया, जिसमें बैकुंठपुर सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों से आए श्रद्धालुओं ने गुरु प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारियों ने गुरु नानक देव जी के उपदेशों — "नाम जपो, किरत करो, वंड छको" — को आत्मसात करने का संदेश दिया। श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को बधाई देते हुए भाईचारे, शांति और सेवा भाव का संकल्प लिया। पूरा वातावरण “वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह” के जयघोष से गूंज उठा।




