गुरु नानक जयंती पर कोरिया जिले में उमड़ा आस्था का सैलाब, गुरुद्वारा बैकुंठपुर में हुआ भव्य आयोजन, अरदास व भंडारे में शामिल हुए सैकड़ों श्रद्धालु

Chandrakant Pargir

 


बैकुंठपुर। कोरिया जिला मुख्यालय स्थित स्थानीय गुरुद्वारा में बुधवार को सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। सुबह से ही गुरुद्वारा परिसर में धार्मिक माहौल बना रहा। गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष पाठ, कीर्तन और अरदास के साथ दिनभर भक्ति का भाव छाया रहा।



गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सदस्यों के सहयोग से सुबह से विशेष सजा-संवार कर दीवान सजाया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में पहुंचकर मत्था टेका और गुरु वाणी का श्रवण किया। दोपहर में वृहद लंगर (भंडारे) का आयोजन किया गया, जिसमें बैकुंठपुर सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों से आए श्रद्धालुओं ने गुरु प्रसाद ग्रहण किया।



इस अवसर पर गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारियों ने गुरु नानक देव जी के उपदेशों — "नाम जपो, किरत करो, वंड छको" — को आत्मसात करने का संदेश दिया। श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को बधाई देते हुए भाईचारे, शांति और सेवा भाव का संकल्प लिया। पूरा वातावरण “वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह” के जयघोष से गूंज उठा।


इस अवसर पर सिख समाज के अध्यक्ष सरदार बलजीत सिंह, सरदार अजित सिंह, सरदार सतपाल सिंह राजू, सरदार महेंद्र सिंह, सरदार मखन सिंह, सरदार बलवंत सिंह, सरदार बलदेव सिंह, सरदार अंकित सिंह, सरदार नरेंद्र सिंह दीपक, सरदार बिन्दर सिंह, सरदार राजेन्द्र पाल सिंह, सरदार करन सिंह हनी, सरदार हरविंदर सिंह, सरदार जगजीत सिंह, सरदार अवतार सिंह, सरदार कमेंद्र सिंह, सरदार अमनदीप सिंह, सरदार यशपाल सिंह, सरदार गगनदीप सिंह, सरदार तरनजीत सिंह सन्नी, राजेश शुक्ला, अभिषेक शुक्ला एवं आस्तिक शुक्ला सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। वहीं, महिलाओं में श्रीमती सुरिंदर कौर, श्रीमती सतवंत कौर, श्रीमती स्वर्ण कौर, श्रीमती बलजीत कौर, श्रीमती सुखवंत कौर, श्रीमती जशपाल कौर, श्रीमती जलप्रीत कौर (सिम्मी) सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहीं।


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