मनेन्द्रगढ़ में राजश्री पान मसाला व तम्बाकू उत्पाद अवमानक पाए जाने पर न्यायालय ने दो व्यापारियों पर 10 लाख की शास्ति लगाई, पूर्व में लग चुका है 10 लाख का जुर्माना दो व्यापारियों पर

Chandrakant Pargir

 


मनेन्द्रगढ़, 23  सितम्बर 2025। न्याय निर्णयन अधिकारी एवं अपर जिला दण्डाधिकारी मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (छत्तीसगढ़)  अनिल कुमार सिदार ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए पान मसाला एवं तम्बाकू उत्पाद अवमानक पाए जाने पर मनेन्द्रगढ़ व अम्बिकापुर के दो व्यापारियों पर 10 लाख रुपये की शास्ति अधिरोपित की है।


प्रकरण का विवरण

यह मामला वर्ष 2020 का है। तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी  सागर दत्ता (वर्तमान पदस्थापना जांजगीर-चांपा) ने मनेन्द्रगढ़ स्थित मेसर्स मुकेश कुमार अग्रवाल फर्म से "के.पी. ग्रुप राजश्री पान मसाला" व "के.पी. ब्लैक लेबल प्रीमियम च्युइंग टोबैको" का नमूना संग्रह कर राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर भेजा था।

रायपुर लैब की रिपोर्ट में पान मसाला को अवमानक घोषित किया गया। इसके बाद आरोपी पक्ष की अपील पर नमूना पुनः फूड रिसर्च एंड स्टैंडर्डाइजेशन लेबोरेट्री, गाजियाबाद (उ.प्र.) को भेजा गया। यहाँ भी पान मसाला को Unsafe (असुरक्षित) घोषित किया गया क्योंकि उसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया गया।

ये है व्यापारी

1. गणपति शंकर लाल अग्रवाल उर्फ गोपी (फर्म – मेसर्स मुकेश कुमार अग्रवाल, वार्ड नं. 11, बस स्टैण्ड, मनेन्द्रगढ़)


2. अनिल कुमार चौरसिया (फर्म – मेसर्स चौरसिया जनरल एजेंसी, चित्रगुप्त कॉम्प्लेक्स, गुदरी बाजार, अम्बिकापुर, जिला सरगुजा)


दोनों पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 26 (2)(ii) एवं धारा 57 के उल्लंघन का दोष सिद्ध हुआ।


न्यायालय का निर्णय

न्याय निर्णयन अधिकारी अनिल कुमार सिदार ने आदेश पारित करते हुए दोनों व्यापारियों पर 5-5 लाख रुपये की शास्ति अधिरोपित की।

कुल 10 लाख रुपये की शास्ति 30 दिनों के भीतर न्यायालय में जमा करनी होगी।

राशि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से "अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एवं न्याय निर्णयन अधिकारी" के नाम पर निक्षेप की जाएगी।

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में ऐसा कृत्य दोहराया जाता है तो दोनों व्यापारियों पर अधिकतम 10-10 लाख रुपये की शास्ति लगाई जाएगी।


बचाव पक्ष का ये कहना

गणपति अग्रवाल ने अपने जवाब में कहा कि लॉकडाउन (मार्च 2020) के कारण उनकी फर्म का पंजीयन नवीनीकरण समय पर नहीं हो पाया था। बाद में विभाग द्वारा 11 सितम्बर 2020 से 10 सितम्बर 2025 तक नया पंजीयन जारी किया गया। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि तम्बाकू उत्पाद खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते। लेकिन न्यायालय ने इन दलीलों को अस्वीकार कर दिया।

उल्लेखनीय है कि यह फैसला उन व्यापारियों के लिए चेतावनी है जो खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हैं। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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