बैकुण्ठपुर, 23 सितम्बर। ग्राम पंचायत डबरीपारा में 15वें वित्त मद की राशि का फर्जी बिल–वाउचर लगाकर गबन किए जाने का गंभीर आरोप सामने आया है। ग्रामीणों एवं पंचों ने इस मामले की जाँच जिला स्तर के सक्षम अधिकारी से कराए जाने की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच, सचिव एवं सरपंच पति द्वारा वित्तीय राशि में हेराफेरी की गई। इस संबंध में शिकायत 2 सितम्बर 2025 को कलेक्टर कोरिया के समक्ष जनदर्शन कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई थी,
शिकायत पर जाँच हेतु जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर से आंतरिक लेखा परीक्षक चन्द्रमणी सिदार एवं उप अभियंता यशवंत वैष्णव 17 सितम्बर को ग्राम पंचायत पहुँचे थे। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जाँच की सूचना समय पर नहीं दी गई, जिससे अधिकतर शिकायतकर्ता और ग्रामीण उपस्थित नहीं हो पाए। वहीं, सचिव ने भी स्वीकार किया कि उसने किसी को सूचना नहीं दी।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि जाँच अधिकारी शिकायतकर्ताओं पर समझौते का दबाव बना रहे थे और सचिव से दस्तावेज नहीं माँगे गए। यहाँ तक कि शिकायतकर्ताओं एवं सरपंच पक्ष के लिखित कथन फार्म बिना किसी पावती के अधिकारियों द्वारा ले लिए गए।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि अधूरे तथ्यों के बावजूद अधिकारियों ने प्रतिवेदन जनपद सीईओ को प्रस्तुत कर दिया, जो सरपंच व सचिव के पक्ष में दिखाई देता है। इससे जाँच प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ग्रामीणों ने मांग की है कि जनदर्शन कार्यक्रम में प्रस्तुत मूल शिकायत के 12 बिंदुओं के आधार पर जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारी से निष्पक्ष जाँच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर सरपंच, सचिव एवं संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में भ्रष्टाचार की पुनरावृत्ति न हो।