छत्तीसगढ़ में पहली बार कैस्पियन प्लोवर की दुर्लभ तस्वीरें खींचने का रिकॉर्ड सत्यप्रकाश पांडेय के नाम, Bird Count India ने दस्तावेजी प्रमाण के साथ की पुष्टि, मोहनभाठा बना पक्षी प्रेमियों के लिए खास स्थल

Chandrakant Pargir

 


बिलासपुर। वाइल्डलाइफ फोटो जर्नलिस्ट सत्यप्रकाश पांडेय ने छत्तीसगढ़ के मोहनभाठा क्षेत्र में बेहद दुर्लभ प्रवासी पक्षी कैस्पियन प्लोवर (Caspian Plover – Anarhynchus asiaticus) की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। Bird Count India ने eBird के दस्तावेजी प्रमाण के आधार पर इसकी पुष्टि कर दी है। यह मध्य भारत (Central India) में कैस्पियन प्लोवर का पहला आधिकारिक रिकॉर्ड माना गया है।



अकल्पनीय रूप से मोहनभाठा क्षेत्र को बंजर भूमि माना जाता है, लेकिन यह स्थान प्रवासी और अप्रवासी पक्षियों सहित अन्य जीव-जंतुओं के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। सत्यप्रकाश पांडेय ने बताया कि उन्होंने 4 सितंबर 2025 को यहां स्थित दुर्लभ कैस्पियन प्लोवर को कैमरे में कैद किया। यह पक्षी मध्य एशिया (विशेषकर कैस्पियन सागर के आसपास, रूस, कज़ाख़िस्तान, मंगोलिया) के खुले घास के मैदानों और स्टेपीज़ में पाया जाता है। सर्दियों में यह अफ्रीका (पूर्वी और दक्षिणी भाग) तथा भारतीय उपमहाद्वीप तक प्रवास करता है। भारत में इसकी रिपोर्ट बेहद कम होती है और यह पक्षी अधिकतर सर्दियों या प्रवास के दौरान थोड़े समय के लिए ही दिखाई देता है।



सत्यप्रकाश पांडेय ने बताया कि अनुकूल परिस्थितियों के कारण यह पक्षी मोहनभाठा में नजर आया। जब इसकी सूचना पक्षी प्रेमियों के बीच फैली, तो मोहनभाठा में पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफरों का मजमा सुबह से लेकर देर शाम तक जमा रहा।



इससे पहले भारत में कैस्पियन प्लोवर का रिकॉर्ड केवल दिल्ली, गोवा, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, तमिलनाडु, केरल, मुंबई क्षेत्र (उरण, नवी मुंबई) और गुजरात (लिटिल राण ऑफ कच्छ, सुरेंद्रनगर) में 2007 और हाल ही में 2025 में दर्ज किया गया था।



Bird Count India ने सत्यप्रकाश पांडेय द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजी प्रमाणों और ई-बर्ड रिकॉर्ड के आधार पर इस उपलब्धि को मान्यता दी है। यह घटना न केवल छत्तीसगढ़ के पक्षी प्रेमियों के लिए, बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए एक यादगार उपलब्धि बन गई है।


सत्यप्रकाश पांडेय ने कहा –

"मोहनभाठा जैसी अनोखी भूमि में यह दुर्लभ पक्षी देखना मेरे लिए गर्व की बात है। इससे हमारी जैव विविधता की महत्ता और संरक्षण की आवश्यकता उजागर होती है। मैं सभी पक्षी प्रेमियों को इसी तरह शोध और संरक्षण के लिए प्रेरित करता हूँ।"




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