रायपुर में न्यूड पार्टी का आयोजन करने वाले आरोपी पर पुलिस की कार्रवाई, 2013 में कोरिया स्वास्थ्य विभाग में हुई भर्ती घोटाले में भी था शामिल, 2013 में क्या था मामला

Chandrakant Pargir

 


बैकुंठपुर/ रायपुर। हाल ही में रायपुर पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले में कार्यवाही करते हुए हाइपर क्लब संचालक जेम्स बेक सहित सात अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोप है कि ये आरोपी बिना अनुमति के न्यूड पार्टी आयोजित कर युवाओं को आपत्तिजनक माहौल में लिप्त कर रहे थे। जेम्स बेक के खिलाफ अब तक कई मामले दर्ज किए जा चुके हैं।


इसके अलावा जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि जेम्स बेक 2013 में कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में हुए बड़े भर्ती घोटाले में भी शामिल था। वर्ष 2011 में एमपीडब्ल्यू, लैब टेक्नीशियन व एएनएम के 76 पदों पर नियुक्तियां की गई थीं, जिनमें गड़बड़ियां उजागर हुईं। तत्कालीन सीएमएचओ और प्रभारी एकाउंटेंट सहित अन्य अधिकारी भर्ती प्रक्रिया में दोषी पाए गए थे। जांच के बाद कलेक्टर ने इन 76 नियुक्तियों को निरस्त कर दिया था। दोषी पाए गए अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर वेतन सहित अन्य भत्ते लौटाने के निर्देश दिए गए थे। 

तब के CMHO डॉ एसएल चावड़ा ने जेम्स बेक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पुलिस को पत्र लिखा था परंतु आज तक एफआईआर दर्ज नही हो सका।

जेम्स बेक, जो उस समय सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी था, बिना चार्ज दिए फरार हो गया था। उसके बाद वह रायपुर में रहने लगा और कुछ वर्ष पूर्व सूरजपुर जिले में सहायक ग्रेड-2 के पद पर कार्यरत पाया गया। इसी दौरान सूरजपुर पुलिस ने उस पर एफआईआर दर्ज की है।

आरटीआई के तहत जानकारी मिलने पर पता चला जहां से केशबूक जेम्स बेक छोड़कर गया था उंसके आगे से विभाग ने लिखना शुरू कर दिया। परन्तु दुबारा कार्यवाही के लिए विभाग आगे नही आया।


2013 में कई अनियमितताएं हुईं उजागर


भर्ती घोटाले की दो माह चली जांच में कलेक्टर अविनाश चंपावत ने कई आश्चर्यजनक व प्रक्रियात्मक त्रुटियां पाई, जिसमें रोजगार कार्यालय और लोक विज्ञापन एक साथ प्रकाशित किया गया, उक्त विज्ञापन में भर्ती की शर्ते, योग्यता, रिक्तियों व वेतन की जानकारी नहीं थी, इसके अलावा शाम को नियुक्ति आदेश जारी हुआ और उसी दिन अभ्यर्थी की पदस्थापना और ज्वाइनिंग भी हो गई। जबकि ऐसा संभव नहीं है। विज्ञापन एक ही पेपर में प्रकाशित किया गया और प्रकाशन के दूसरे दिन ही नियुक्ति आदेश जारी कर दिया गया। जिन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया, उन अभ्यर्थी को व्यक्तिगत सूचना नहीं दी गई, वही नियुक्ति पत्र अलग अलग दिनांक व अलग अलग जावक क्रमांक के साथ दिया गया। नियुक्ति आदेश जारी करते हुए अभ्यर्थियों को हाथ में थमा दिया गया। किसी भी अभ्यर्थी से पावती तक नहीं ली गई। एक की जावक क्रमांक से कई आदेश जारी कर दिए गए। जावक पंजी में कई रिक्त स्थान छोडे गए इसके अलावा कई नियुक्ति पत्र के आदेश जावक पंजी में इंद्राज नहीं पाए गए। इसके अलावा आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया, विभागीय भर्ती नियम की अवहेलना, संचालनालय के आदेशों को दरकिनार किया गया।


अभ्यर्थियों को नोटिस


तत्कालीन कलेक्टर अविनाश चंपावत  ने जांच में दोषी पाए जाने वाले 76 अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी है, इसके अलावा उन्हें सख्त निर्देश जारी किया गया है कि अभी तक शासन के द्वारा जो भी वेतन व भत्ते लिए है उन्हें वे ब्याज सहित वापस करें, नहीं तो वसूली की कार्रवाई की जाएगी।


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