छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से छह बाघ मिलेंगे , गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व बैकुंठपुर को मिलेंगे 3 मादा बाघ

Chandrakant Pargir

 

                                                 फोटो सत्यप्रकाश पांडेय


रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार मध्य प्रदेश से छह बाघों को अपने दो संरक्षित क्षेत्रों — उदंती-सितानदी टाइगर रिजर्व (गढ़ियाबंद) और गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बैकुंठपुर कोरिया  में स्थानांतरित करने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य बाघों की संख्या को मजबूत करना और उन क्षेत्रों में जनसंख्या का संतुलन बहाल करना है, जहाँ बाघों की संख्या काफी कम हो गई है, वन अधिकारियों ने बताया।


उदंती-सितानदी टाइगर रिजर्व को मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से एक नर बाघ और दो मादा बाघ (टाइग्रेस) प्राप्त होंगे। वहीं गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से तीन मादा बाघ मिलने हैं।


इस योजना को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने मंजूरी दी है और इसे टाइगर पॉपुलेशन मैनेजमेंट की मानक प्रक्रिया के तहत लागू करने की सिफारिश की गई है।


PCCF (Wildlife) अरुण कुमार पांडे ने बताया कि विभाग इस स्थानांतरण योजना पर कार्यरत है और मध्य प्रदेश के अधिकारियों के साथ समन्वय भी जारी है। उन्होंने कहा, "हम NTCA और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य उदंती-सितानदी और गुरु घासीदास तमोर पिंगला जैसे रिजर्व में बाघों की संख्या को स्थिर करना है, ताकि दीर्घकालीन संरक्षण में सफलता सुनिश्चित की जा सके।"


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