रायपुर। बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के वरदली गांव की 11 वर्षीय शांभवी गुरला रियूमेटिक हार्ट डिजीज (RHD) जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली इस मासूम की आंखों में रोज यही सवाल तैरता था – “पापा, मैं ठीक हो जाऊंगी ना?” लेकिन खेती-किसानी कर परिवार का गुजारा करने वाले पिता के पास इसका कोई जवाब नहीं था।
करीब तीन महीने पहले जिला अस्पताल बीजापुर में डॉक्टरों ने शांभवी को दिल की गंभीर बीमारी होने की पुष्टि की और रायपुर में इलाज कराने की सलाह दी। महंगे इलाज की आशंका ने परिवार की उम्मीदों को तोड़ दिया। आर्थिक तंगी के कारण माता-पिता इस बात को लेकर असमंजस में थे कि बेटी का इलाज कैसे कराएंगे। हर रोज घर में यही चर्चा होती, मां उसे ढांढस बंधाती और पिता की आंखों में चिंता साफ झलकती थी।
आखिरकार शांभवी के पिता ने हिम्मत जुटाई और बेटी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल से मिले। मंत्री ने बच्ची से मुलाकात की और तुरंत ही रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट (ACI) में विशेषज्ञ डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव से संपर्क कर इलाज शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने परिवार को आश्वस्त किया कि इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री की इस पहल से बच्ची के माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए। मां ने भावुक होकर कहा – “मंत्री जी, आप हमारी बेटी को नया जीवन दे रहे हैं। आप हमारे लिए किसी डॉक्टर से कम नहीं।” फिलहाल शांभवी को रायपुर लाकर एसीआई में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की टीम उसका इलाज शुरू करेगी।
सरकार की यह पहल सिर्फ शांभवी के परिवार के लिए राहत नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के जरूरतमंद और गरीब परिवारों के लिए भरोसे का संदेश है। उम्मीदों से भरी शांभवी अब मुस्कुराकर पिता से पूछती है – “पापा, मैं जल्दी खेल पाऊंगी ना?” और इस बार पिता की आंखों में चिंता नहीं, बल्कि विश्वास और उम्मीद की चमक है।