बैकुंठपुर। कोरिया जिले के विभिन्न सरकारी दफ्तरों में डीजल पर्ची के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाले का खेल फिर से सक्रिय हो गया है। जिले भर के सरकारी अधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण, रायपुर आने-जाने के नाम पर डीजल पर्ची जारी कराई जा रही है, लेकिन यह डीजल सरकारी वाहनों में भरवाकर उपयोग न करके निजी वाहनों में भरा जा रहा है। ऐसे फर्जी पर्ची के माध्यम से सरकारी डीजल का निजी इस्तेमाल कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह खेल सिर्फ सामान्य प्रशासनिक विभागों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें राजस्व विभाग से भी डीजल पर्ची बनाकर निजी वाहनों के लिए दी जा रही है, सरकारी डीजल की यह व्यवस्था सीधे तौर पर जिले में कुछ प्रभावशाली नेताओं के निजी वाहनों में डलवाने की गहन योजना के तहत संचालित हो रही है।
वही जनपद पंचायत के एक अधिकारी का खुलासा हुआ है, जो आधा डीजल सरकारी वाहन में और आधा अपनी निजी गाड़ी में भरवाते हुए पकड़ा गया। डीजल भरवाने सरकारी वाहन के साथ अपना निजी वाहन भी साथ लेकर गए थे, जब इस मामले पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने पूरी तरह चुप्पी साध ली। वहीं, कुछ ऐसे अधिकारी भी हैं जो अपने ड्राइवर को अपने साथ नहीं रखते ताकि इस कारस्तानी का पर्दाफाश न हो। ऐसे अधिकारी स्वयं सरकारी वाहन चलाकर डीजल सहित अन्य छोटे-छोटे गैरकानूनी खेल में शामिल पाए जा रहे हैं।
आपको बता दें कि भाजपा सरकार के 2013 से 2018 के कार्यकाल में जल संसाधन विभाग में डीजल घोटाले की जांच के बाद बड़ा मामला सामने आया था। परंतु अब एक बार फिर वही खेल जिले के अन्य विभागों में चल रहा है, जिससे संबंधित अधिकारी स्वयं भी चिंतित हैं। प्रशासनिक महकमा इस गंभीर समस्या पर अब तक चुप्पी साधे हुए है, जिससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस घोटाले पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी संसाधनों की दुरुपयोग की यह परंपरा लोकतंत्र और प्रशासनिक मर्यादा के खिलाफ है। जनता की मांग है कि उच्च स्तर पर जांच कराकर दोषियों को सजा दिलाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी हरकतों पर पूरी तरह से रोक लगे।