कोरिया। (19 सितम्बर 2025)। कोरिया जिले में इस साल मानसून ने अब तक जमकर बरसात की है। जिले की चारों तहसीलों—बैैकुण्ठपुर, सोनहत, बचरा पोड़ी और पटना में 1 जून से 19 सितम्बर तक औसतन 1168.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो बीते 10 सालों की औसत बारिश (856.4 मिमी) से करीब 36 प्रतिशत अधिक है।
तहसीलवार स्थिति
बैैकुण्ठपुर : 1108.9 मिमी बारिश, औसत से 132.9% अधिक
सोनहत : 1295.1 मिमी बारिश, औसत से 136.3% अधिक
पोड़ी बचरा : 942.0 मिमी बारिश, औसत से 121.9% अधिक
पटना : 1326.7 मिमी बारिश, औसत से 152.8% अधिक
इन आंकड़ों से साफ है कि जिले की हर तहसील में सामान्य से कहीं ज्यादा बारिश हुई है।
दीवाली की तैयारियों पर असर
लगातार हो रही बारिश ने आम जनजीवन के साथ-साथ त्योहारी तैयारियों पर भी असर डाल दिया है। दीवारों में रंगरोगन का काम हो, साफ सफाई को लेकर लोग बारिश के रुकने का इंतजार कर रहे है, 19 से 23 तक बारिश के नही होने की खबर पर कुछ लोगो ने साफ सफाई तो शुरू की परंतु अभी जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है उससे फिर बारिश के होने की सम्भवना को बढ़ा दिया है। बारिश के कारण मजदूरों और कारीगरों के लिए भी दिक्कतें बढ़ गई हैं। दीवाली के पहले घरों की मरम्मत और पुताई-पेंटिंग का काम बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन बारिश ने मजदूरी के अवसरों को सीमित कर दिया है।
कांस खिले, फिर भी बारिश नहीं थमी
मान्यता है कि कांस (कस) के फूल खिलने के बाद बरसात का मौसम समाप्त हो जाता है। इस साल खेत-खेत और डगर-डगर कांस खिले नजर आ रहे हैं, लेकिन आसमान से पानी गिरना बंद नहीं हो रहा। इससे लोगों के मन में आशंका है कि मौसम लंबे समय तक परेशान करता रहेगा।
रामचरित मानस के जानकार बताते है कि मौजूदा हालात की तुलना रामचरितमानस में तुलसीदास द्वारा लिखे दोहे से कर सकते है,
"कबहुंकि बरषा बोरि घन, भरि घन गज गग गर्जि।
अवनि हर्ष जल बिनहि, जिमि सुख सोभा सुरजि।।"
अर्थात, जैसे बादल गरजते हुए उमड़-घुमड़कर घिर आते हैं लेकिन पानी नहीं बरसाते तो धरती प्रसन्न नहीं होती, वैसे ही अति वर्षा भी सुख-सुविधा को बाधित कर देती है।
फिर बरसेंगे बादल
मौसम विभाग ने 26 और 27 सितम्बर को जिले में फिर से बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। यदि ऐसा हुआ तो मानसून की कुल औसत वर्षा और भी बढ़ जाएगी। एक ओर यह बारिश धान की फसल के लिए संजीवनी साबित हो रही है, वहीं शुरू होने वाली नवरात्रि ले त्योहार पर भी काफी फर्क पडेगा, शहर के गरबा जैसे आयोजनो में बारिश बाधक बन सकती है, दूसरी ओर एक बार फिर बारिश के आने से जनजीवन प्रभावित होने का आसार दिख रहे है, सड़को में जलभराव, कच्ची सड़कों की दुर्दशा और बाजार की रौनक पर असर इसकी बड़ी चुनौतियाँ बन चुकी हैं।