महुआ बचाओ अभियान में करोड़ों की राशि के मनमाना उपयोग पर सवाल – वन प्रबंधन समितियों की लाभांश की जितनी राशि जमा थी, उससे थोड़े कम के ही प्राक्कलन बनाकर निकाली गई रकम, करोड़ो खर्च पर क्या महुआ के पौधे बचे??

Chandrakant Pargir

 


एमसीबी। मनेन्द्रगढ़ वनमंडल में महुआ बचाओ अभियान के नाम पर वन प्रबंधन समितियों की जमा लाभांश राशि के उपयोग को लेकर बड़े गंभीर सवाल खड़े हो रहे है। सूचना के अधिकार (RTI) से सामने आए दस्तावेजों के अनुसार जिन समितियों में जितनी राशि जमा थी, लगभग उसी के आसपास उससे थोड़ा कम  राशि का प्राक्कलन बनाकर ट्री गार्ड निर्माण कार्य स्वीकृत कर राशि निकाल ली गई।



दस्तावेज बताते हैं कि मारायणपुर समिति में 1,47,099 रुपये जमा थे और वहां 1,17,500 रुपये का प्राक्कलन बनाकर ट्री गार्ड निर्माण का काम दिखाया गया। घुटरा समिति में 1,81,078 रुपये थे और 1,17,500 का प्राक्कलन बनाया गया। इसी तरह नवाडीह समिति में 18,06,528 रुपये जमा थे और 16,45,000 रुपये का प्राक्कलन किया गया। बिहारपुर समिति में 23,30,488 रुपये जमा थे और 22,09,000 रुपये का प्राक्कलन स्वीकृत हुआ।


केल्हारी परिक्षेत्र की केल्हारी समिति में 14,85,377 रुपये जमा थे और 13,16,000 रुपये का प्राक्कलन बना। बैरागी समिति में 7,24,169 रुपये जमा थे और 6,58,000 का प्राक्कलन स्वीकृत किया गया। सेमरमशानी समिति में 18,42,879 रुपये थे और 16,92,000 रुपये का प्राक्कलन बनाया गया।


इसी तरह बहरासी परिक्षेत्र की उमरवाह समिति में 9,63,932 रुपये जमा थे और 8,46,000 रुपये का प्राक्कलन हुआ। दुधासी समिति में 1,23,434 रुपये जमा थे और 94,000 का प्राक्कलन बना। वहीं बहरासी समिति में 5,30,146 रुपये जमा थे और 5,17,000 रुपये का प्राक्कलन दिखाया गया।


कुवारपुर परिक्षेत्र की मसौरा समिति में 11,19,548 रुपए जमा थे जिसमें से 9,87,000 रुपए ला प्राक्कलन स्वीकृत हुआ, तिलौली समिति में 12,75,940 रुपये जमा थे और 11,28,000 रुपये का प्राक्कलन स्वीकृत हुआ। चांदी समिति में 12,02,929 रुपये जमा थे और 10,81,000 रुपये का प्राक्कलन बना। रेद समिति में 1,44,677 रुपये जमा थे और 94,000 रुपये का प्राक्कलन किया गया। इसी तरह जनकपुर कठर्राडोल समिति में 1,34,791 रुपये उपलब्ध थे और 94,000 रुपये का प्राक्कलन दिखाया गया। इसी तरह जनकपुर के मेहदौल में 1,37,607 रुपए जमा थे जिसमें 94000 रुपए का प्राक्कलन बनाकर राशि निकालो 


कुल मिलाकर, सिर्फ 16 वन प्रबंधन समितियों से  मनेन्द्रगढ़ वनमंडल में 27 हजार ट्री गार्ड बनाने का प्राक्कलन 1करोड़ 2.69 लाख रुपये का दिखाया गया, जबकि समितियों के खातों में लगभग 1 करोड़ 4.15 लाख  रुपये जमा थे। यानि, जिस समिति में जितनी राशि उपलब्ध थी, लगभग उतने से कुछ ही कम की योजना बनाकर राशि का उपयोग दिखा दिया गया।


इस खुलासे ने वन विभाग की महुआ बचाओ अभियान की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वास्तव में हजारों ट्री गार्ड बनाए गए या सिर्फ कागजों पर ही योजना पूरी कर दी गई? यह अब सबसे बड़ा सवाल है।


अभी सिर्फ 16 वन प्रबंधन समिति की राशि का ही खुलासा किया जा रहा है,  इनसाइड स्टोरी की अगली कड़ी में हम आपको और समितियों में जमा राशि समिति–दर–समिति राशि और उसके विरुद्ध बनाए गए प्राकलन का विस्तृत ब्योरा देंगे। राशि के खुलासे के उद्देश्य सिर्फ यह है कि आखिर महुआ बचाओ में राशि का उपयोग कितना हुआ है इसकी जानकारी न सिर्फ समिति के अध्यक्ष सहित आमजनों को भी हो सके।



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