एमसीबी। इनसाइड स्टोरी को आरटीआई के तहत मिली जानकारी में 16 वन प्रबंधन समिति की जानकारी सामने लाने के बाद अब मनेन्द्रगढ़ वनमंडल अंतर्गत कुल 47 वन प्रबंधन समितियों में महुआ वृक्षारोपण के नाम पर प्राक्कलन तैयार कर राशि व्यय कर दी गई, जबकि इस कार्य मे क्रय भंडार नियमों की बड़ी अवहेलना की बातें सामने आ रही है साथ ही जिस मात्रा और क़्वालिटी के ट्री गार्ड बनाए गए उस पर सवाल खड़े हो रहे है। मैदान में उतने पौधे नजर नहीं आ रहे हैं, जिन पर वाहवाही लूटी जा रही है। मामले में अब उच्चस्तरीय जांच की मांग उठने लगी है।
दस्तावेज़ों के अनुसार, बौरीडांड समिति में 0.24 लाख का प्राक्कलन था और 0.20 लाख बचा। धरमपुर में 0.97 लाख का प्राक्कलन बना और 0.36 लाख बचा, रतौरा में भी उतना ही प्राक्कलन बनाकर 0.36 लाख छोड़ा गया, वहीं लोहारी में 0.73 लाख का प्राक्कलन था और 0.29 लाख बचा। भौता में 0.97 लाख का प्राक्कलन और 0.21 लाख शेष रहा, पेण्ट्री में 0.73 लाख का प्राक्कलन और 0.25 लाख बचा।
नवाडीह समिति में 0.29 लाख का प्राक्कलन मात्र 8.08 लाख शेष राशि में से किया गया। गरुडोल समिति में 4.39 लाख का प्राक्कलन और 13.69 लाख बचा। महादेवपुर में 0.82 लाख का प्राक्कलन था और 0.67 लाख शेष, अगरियायहरा में 1.46 लाख का प्राक्कलन और 0.07 लाख छोड़ा गया। उजियारपुर समिति में 2.91 लाख का प्राक्कलन और 0.48 लाख बचा, जबकि बिहारपुर में 3.98 लाख का प्राक्कलन था और 14.04 लाख शेष छोड़ दिया गया।
शियपुर समिति में 4.37 लाख का प्राक्कलन और 0.17 लाख बचा, बैरागी समिति में 8.49 लाख का प्राक्कलन और 0.49 लाख शेष। दहियाडांड में 13.82 लाख का प्राक्कलन और 0.55 लाख छोड़ा गया, ताराबहरा में 5.58 लाख का प्राक्कलन और 0.34 लाख बचा। कछौड़ समिति में 12.37 लाख का प्राक्कलन और 0.53 लाख छोड़ा गया, तिलोखन में 1.21 लाख का प्राक्कलन और 0.22 लाख बचा।
डिहुली में 0.97 लाख का प्राक्कलन और 0.45 लाख शेष रहा, छट्टन समिति में 0.97 लाख का प्राक्कलन और 0.33 लाख छोड़ा गया। खेतौली समिति में 1.21 लाख का प्राक्कलन और 0.17 लाख शेष रहा। मैनपुर समिति में 4.85 लाख का प्राक्कलन और 0.24 लाख बचा, करवां समिति में 8.00 लाख का प्राक्कलन और 0.27 लाख छोड़ा गया। उमरवाह समिति में 0.97 लाख का प्राक्कलन और 0.24 लाख बचा।
चुटकी समिति में 0.49 लाख का प्राक्कलन और 0.29 लाख छोड़ा गया। नगरी समिति में 9.22 लाख का प्राक्कलन और 0.08 लाख बचा। खमरौध समिति में 1.21 लाख का प्राक्कलन और 0.21 लाख छोड़ा गया। बलुवापाठ में 0.49 लाख का प्राक्कलन और 0.13 लाख बचा। पोड़ी समिति में 0.24 लाख का प्राक्कलन और 0.36 लाख छोड़ा गया। बड़वार समिति में 0.49 लाख का प्राक्कलन और 0.15 लाख बचा। धोवाताल समिति में 0.73 लाख का प्राक्कलन और 0.34 लाख छोड़ा गया।
देवगढ़खोह समिति में 1.70 लाख का प्राक्कलन और 0.23 लाख बचा। घटमा समिति में 0.49 लाख का प्राक्कलन और 0.37 लाख शेष रहा। पूर्वी बरेल में 5.82 लाख का प्राक्कलन और 0.52 लाख छोड़ा गया। बरेल समिति में 1.70 लाख का प्राक्कलन और 0.38 लाख बचा। बेलगांव समिति में 0.24 लाख का प्राक्कलन और 0.23 लाख छोड़ा गया। मेंहदीली समिति में 0.24 लाख का प्राक्कलन और 0.37 लाख बचा। भगवानपुर समिति में 0.97 लाख का प्राक्कलन और 0.44 लाख छोड़ा गया।
गांजर समिति में 3.88 लाख का प्राक्कलन और 0.49 लाख शेष रहा। जमथान समिति में 0.24 लाख का प्राक्कलन और 0.20 लाख छोड़ा गया। कंजिया समिति में 3.64 लाख का प्राक्कलन और 0.19 लाख बचा। चांटी समिति में 2.67 लाख का प्राक्कलन और 0.36 लाख शेष रहा। सिरखोला समिति में 3.88 लाख का प्राक्कलन और 0.28 लाख छोड़ा गया। तिलौली समिति में 5.34 लाख का प्राक्कलन और 0.54 लाख बचा।
आरा समिति में 0.97 लाख का प्राक्कलन और 0.37 लाख शेष रहा। भुमका समिति में 10.91 लाख का प्राक्कलन और 0.48 लाख छोड़ा गया। वहीं मन्नौढ़ समिति में 1.94 लाख का प्राक्कलन था, जिसमें से 0.16 लाख बचा।
कुल मिलाकर 138.73 लाख का प्राक्कलन बनाकर 188.84 लाख उपलब्ध राशि में से खर्च दिखा दिया गया, जबकि इन 47 समितियों में 28605 पौधे लगाए जाने थे, जबकि जमीनी स्तर पर पौधारोपण को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे है। वही ज्यादातर समिति के सदस्यों को तक राशि निकाले जाने की जानकारी नही है।