बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि यह सुनवाई अधूरी रही और न्यायालय ने मामले की अगली तारीख 22 अगस्त निर्धारित की है।
गौरतलब है कि कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में हुए शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि घोटाले के दौरान करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन हुआ, जिसमें लखमा की भूमिका संदिग्ध रही। इसी को लेकर लखमा ने हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए जमानत की अर्जी दाखिल की है।
आज हुई सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी तरह पेश नहीं हो सकीं, जिसके चलते कोर्ट ने आगे की सुनवाई 22 अगस्त को करने का निर्णय लिया। लखमा की ओर से दलील दी गई कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की गई है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है। वहीं, ईडी ने अपनी ओर से कोर्ट को बताया कि जांच अभी जारी है और लखमा को जमानत मिलने से साक्ष्यों पर असर पड़ सकता है।
राज्य की राजनीति में यह मामला गहराई से जुड़ा हुआ है, क्योंकि कवासी लखमा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आदिवासी इलाकों में प्रभावशाली माने जाते हैं। शराब घोटाले में उनकी गिरफ्तारी के बाद विपक्ष लगातार कांग्रेस पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस इसे केंद्र की एजेंसियों की राजनीतिक कार्रवाई बता रही है।
अब सबकी निगाहें 22 अगस्त की सुनवाई पर टिकी हैं, जब हाईकोर्ट यह तय करेगा कि कवासी लखमा को जमानत मिलेगी या नहीं।