बालोदबाज़ार स्कूल में बच्चों को कुत्ते का जूठा खाना परोसा गया – हाईकोर्ट ने दिया मुआवजा देने का आदेश

Chandrakant Pargir

 


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बालोदबाज़ार जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को कुत्ते का जूठा खाना परोसने के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने पीड़ित छात्रों को मुआवजा देने का आदेश देते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही बच्चों के स्वास्थ्य और गरिमा के साथ खिलवाड़ है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।


मामले की सुनवाई माननीय मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की खंडपीठ में हुई। कोर्ट में शासन की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत कर बताया गया कि घटना की जानकारी मिलते ही हेडमास्टर को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही संबंधित महिला स्व-सहायता समूह से मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) का काम छीन लिया गया है। शासन ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए निगरानी व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।


गौरतलब है कि यह घटना बालोदबाज़ार के एक प्राथमिक शाला में सामने आई थी, जहां मिड डे मील के तहत बच्चों को जो भोजन दिया जा रहा था, उसे पहले कुत्ते ने खाया था। मामला उजागर होने के बाद इलाके में भारी आक्रोश फैल गया था। अभिभावकों और ग्रामीणों ने इसे बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की थी।


हाईकोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए पीड़ित छात्रों को उचित मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि बच्चों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराना शासन की संवैधानिक जिम्मेदारी है, और इस मामले में लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई है।


अब इस आदेश के बाद जिला प्रशासन को छात्रों को मुआवजा राशि उपलब्ध करानी होगी। कोर्ट का यह फैसला पूरे प्रदेश में मिड डे मील संचालन की निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नजीर बन सकता है।


#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!