बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का दल सक्रिय, कान्दाबारी का जंगल हथिनियों के प्रसव का सुरक्षित ठिकाना, ग्रामीणों को अलर्ट

Chandrakant Pargir

 

 


बैकुंठपुर। बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र के कान्दाबारी जंगल में इन दिनों 11 से 12 हाथियों का दल सक्रिय है। शनिवार सुबह लगभग 7 बजे यह दल तर्रा, नगर और बिशुनपुर मार्ग से गुजरते हुए सलबा बीट के कक्ष क्रमांक R.F. 481 मिश्रित वृक्षारोपण क्षेत्र में पहुंचा। वन विभाग ने हाथियों की गतिविधि पर निगरानी तेज कर दी है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।



वन विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार हाथियों द्वारा अब तक किसी भी मकान को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। हालांकि फसल हानि का आंकलन विभागीय टीम द्वारा किया जा रहा है। हाथियों के दल के आगे बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, जिसके तहत यह झुंड बकिरा, सरईगहना और पिपरहिया होते हुए सूरजपुर वनमंडल की ओर जा सकता है। एहतियात के तौर पर आसपास के गांवों में मुनादी कराकर हाथियों की मौजूदगी की जानकारी दी गई है और ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने की समझाइश दी गई है।




कान्दाबारी जंगल : हाथियों का सुरक्षित आशियाना

कान्दाबारी का जंगल हाथियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। बीते 20 वर्षो से यहां पहुचं रहे हाथियों को लेकर ग्रामीणों के अनुसार पिछले लगभग 20 वर्षों से हाथियों के दल हर वर्ष यहां पहुंचते हैं। यह स्थान विशेष रूप से गर्भवती हथिनियों के लिए सुरक्षित प्रसव स्थल माना जाता है। कई बार हथिनियों ने यहीं बच्चों को जन्म दिया है। यही कारण है कि हाथी लंबे समय तक इस क्षेत्र में ठहरते हैं और तभी आगे बढ़ते हैं जब नवजात शावक चलने-फिरने लायक हो जाता है। इस बार भी देखना होगा कि हाथियों का यह दल कान्दाबारी क्षेत्र में कितने दिन तक रुकता है।



विभाग की अपील

वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। विभागीय कर्मचारियों को सतत निगरानी के लिए तैनात किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि हाथियों के दल को उकसाने या उनके करीब जाने से बचना जरूरी है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति न बने।

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