कोरिया। छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल और तेज होती जा रही है। 17 मार्च से जारी इस आंदोलन के बीच पंचायत संचालनालय, छत्तीसगढ़ ने 21 मार्च को एक आदेश जारी कर सचिवों को 24 घंटे के भीतर कार्य पर लौटने के निर्देश दिए। आदेश में हड़ताल समाप्त न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
हालांकि,कोरिया जिले के बैकुंठपुर स्थित प्रेमाबाग़ में धरने पर बैठे पंचायत सचिवों ने इस आदेश का कड़ा विरोध जताया। सचिवों ने आदेश की प्रति जलाकर अपना आक्रोश प्रकट किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सचिवों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं और जब तक उनकी मात्र एक मांग पूरी नहीं होतीं, तब तक वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
सचिवों की प्रमुख एक मांग
हड़ताली पंचायत सचिव अपनी सिर्फ एक ही शासकीयकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के पूर्व मोदी गारंटी के रूप में हमारी मांग को शामिल किया गया, घोषणा पत्र के 7वें नंबर पर रखा गया था, 400 दिन बीत जाने के बाद आज तक सरकार ने कुछ नही किया। सरकार लगातार आश्वासन देती रही है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।
इस हड़ताल से प्रदेश के ग्राम पंचायतों का कामकाज ठप हो गया है। ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। पंचायतों से जुड़ी अनिवार्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
सरकार का रुख सख्त
शासन ने पंचायत सचिवों से हड़ताल समाप्त करने की अपील करते हुए कहा है कि यदि वे जल्द काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जिला पंचायतों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे सचिवों को समझाकर वापस बुलाने का प्रयास करें।
अब देखना यह है कि क्या पंचायत सचिव सरकार के निर्देशों के बाद अपनी हड़ताल खत्म करते हैं या आंदोलन और तेज होता है।