रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी को नीले रंग की एक महत्वपूर्ण डायरी मिली है, जिसमें आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से जुड़े लेन-देन का विस्तृत विवरण दर्ज है। यही नहीं, 25 से अधिक पत्रकारों और संपादकों को किए गए वित्तीय लेन-देन के प्रमाण भी इस डायरी में दर्ज हैं।
सीबीआई के अनुसार, इस डायरी में 2020 से जनवरी 2023 तक के लेनदेन का लेखा-जोखा है, जिसमें करीब 22 करोड़ रुपए के संदिग्ध ट्रांजैक्शन का जिक्र है। इसके अलावा, डायरी में महादेव सट्टा ऐप को समर्थन देने और इसमें शामिल कुछ आईपीएस अधिकारियों की भूमिका से संबंधित महत्वपूर्ण इनपुट भी दर्ज हैं।
दूसरी डायरी में हवाला का खुलासा
सीबीआई को एक दूसरी नीली डायरी भी मिली है, जिसमें बड़े कारोबारियों, बिल्डरों और ज्वेलर्स के नाम दर्ज हैं। इस डायरी में हवाला के जरिए उत्तर प्रदेश, असम और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में छत्तीसगढ़ से धन भेजे जाने का उल्लेख है। सीबीआई को संदेह है कि तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में इन उद्योगपतियों के माध्यम से हवाला के जरिए चुनावी फंडिंग कराई गई थी।
आईपीएस अधिकारी से कड़ी पूछताछ, बन सकते हैं सरकारी गवाह
सीबीआई ने एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से कड़ी पूछताछ की, जिसके बाद उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। यह अधिकारी पहले से ही सोशल मीडिया पर लगातार सुर्खियों में बने हुए थे। सूत्रों के अनुसार, इस आईपीएस ने सीबीआई को बताया कि सरकार ने किन-किन प्रशासनिक अधिकारियों को क्या जिम्मेदारियां सौंपी थीं और कैसे महादेव सट्टा ऐप के पैसे को सफेद धन में बदला जाता था। माना जा रहा है कि सीबीआई उन्हें सरकारी गवाह बना सकती है, जिससे मामले में कई और नाम सामने आ सकते हैं।
भिलाई में तनाव, भूपेश समर्थकों की नारेबाजी
इस छापेमारी के दौरान भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। बड़ी संख्या में उनके समर्थक बंगले के बाहर जुट गए हैं और लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
गौरतलब है कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के दौरान भूपेश समर्थकों ने हमला कर दिया था, जिसके चलते इस बार सीबीआई की टीम को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की गई है। फिलहाल, सीबीआई की टीम अभी भी बंगले के अंदर जांच में जुटी हुई है।
क्या आगे होगी और कार्रवाई?
सीबीआई इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और आने वाले दिनों में कई और बड़े नामों पर शिकंजा कस सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस छापेमारी का राजनीतिक असर कितना दूर तक जाएगा।