कोरिया जिले में 15वें वित्त आयोग के तहत आया 5.71 करोड़ का बजट, लेकिन खर्च का हिसाब नहीं!

Chandrakant Pargir

 


कोरिया 26 मार्च 2025। बहुत कम लोगो को मालूम है कि 15वे वित्त की राशि स्वास्थ्य विभाग के एनएचएम के तहत कोरिया जिले को भी वर्षों से मिल रही है।

 कोरिया जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग (FC-XV) के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में 571.39 लाख रुपये (5.71 करोड़ रुपये) की बड़ी राशि आवंटित की थी। यह बजट स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार, चिकित्सा उपकरणों की खरीद, नई प्रयोगशालाओं के निर्माण और सूचना एवं जागरूकता अभियानों के लिए था। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि इतनी बड़ी रकम का उपयोग आखिर कहां और कैसे हुआ?


कहां-कहां खर्च होने थे करोड़ों रुपये?


-ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए: 244.89 लाख रुपये

-ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों (BPHU) के लिए: 24.15 लाख रुपये

-प्रत्येक BPHU के लिए आईटी उपकरणों पर 2 लाख रुपये

-निर्माण कार्यों पर 20 लाख रुपये

-प्रयोगशाला निर्माण व उपकरणों के लिए 26.96 लाख रुपये

-शहरी स्वास्थ्य केंद्रों (HWC) के परिचालन के लिए: 202.5 लाख रुपये

-आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) और ब्रांडिंग के लिए: 27.30 लाख रुपये

-स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी के लिए: 36.40 लाख रुपये



लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और कह रही है!


इतनी बड़ी राशि मिलने के बावजूद कोरिया जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में कोई बड़ा सुधार नहीं दिख रहा है। ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) की स्थिति जस की तस बनी हुई है। कई जगहों पर जरूरी दवाओं और उपकरणों की कमी बनी हुई है। जिन प्रयोगशालाओं और ब्लॉक स्तर की स्वास्थ्य इकाइयों (BPHU) के लिए करोड़ों रुपये मंजूर किए गए थे, उनकी वास्तविक स्थिति पर भी संदेह है।

शहरी स्वास्थ्य केंद्रों (HWC) के संचालन के लिए 6.75 लाख रुपये प्रति केंद्र आवंटित किए गए थे, लेकिन इनमें से कितने केंद्र सुचारु रूप से कार्य कर रहे हैं, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। आईईसी और ब्रांडिंग के लिए लाखों रुपये खर्च करने की बात कही गई है, लेकिन जमीनी स्तर पर जागरूकता अभियान कितने सफल हुए, यह भी सवालों के घेरे में है।


जिला प्रशासन को करनी चाहिए जांच


यह गंभीर चिंता का विषय है कि 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित करोड़ों रुपये कहां खर्च हुए, इसका कोई स्पष्ट विवरण नहीं मिल रहा है। जिला प्रशासन को इस पूरे मामले की गहन जांच करनी चाहिए और सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना चाहिए कि यह फंड सही जगह इस्तेमाल हुआ या नहीं। अगर इसमें कोई गड़बड़ी हुई है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।


आखिर, जब केंद्र सरकार से करोड़ों रुपये स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आ रहे हैं, तो फिर जनता को इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा?


जनसरोकार की पत्रकारिता


इनसाइड स्टोरी केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग की 2022- 23, 2023- 24 में विभिन्न कार्यक्रमों में जारी की गई राशि की जानकारी आपको प्रतिदिन देगा ताकि आपके स्वास्थ्य के लिए केंद्र सरकार कितना खर्च कर रही है आपको पता चले और  मिली राशि का अधिकारी क्या कर रहे है इसके बारे में आप जान सकें।

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