बजट 2025-26: कोरिया को फिर सिर्फ घोषणाएं मिलीं, विकास इंतजार में

Chandrakant Pargir

 


चन्द्रकान्त पारगीर


कोरिया जिले को इस बार भी बजट 2025-26 में सिर्फ वादों की थाली मिली, काम के नाम पर हाथ खाली ही रहा। जिले को सिर्फ एक नर्सिंग कॉलेज की घोषणा मिली — वो भी दूसरी बार! बाकी पुरानी घोषणाओं की तरह इस पर भी अमल होगा या नहीं, इसे लेकर जिले के लोग पहले से ही आशंकित हैं।


घोषणाओं की लंबी फेहरिस्त, काम कहीं नजर नहीं


लॉ कॉलेज की घोषणा को कई साल हो गए। टीम आई थी, फोटो खिंचे थे, चाय-नाश्ते का दौर भी चला था, लेकिन कॉलेज अब तक गायब है। बीएड कॉलेज की भी दोबारा घोषणा हो चुकी है, जो इस बात का सबूत है कि पहली घोषणा कागजों में ही सिमट गई थी। इस साल फिर नर्सिंग कॉलेज का नाम बजट में आ गया, लेकिन कंचनपुर में बने एएनएम और जीएनएम कॉलेज के जर्जर भवनों को देख कर नए कॉलेज का हश्र भी साफ दिख रहा है।


एयर स्ट्रिप: हवा में ही उड़ती रही योजना


कोरिया की एयर स्ट्रिप की घोषणा तीन बार बजट में हो चुकी है, लेकिन काम शुरू होना तो दूर, अभी तक इसके लिए जमीन तक तय नहीं हुई। जनता अब इस योजना पर व्यंग्य करने लगी है — लोग कहते हैं कि इसे पतंगबाजी और साइकिल रेसिंग के लिए खोल देना चाहिए, ताकि कुछ तो उड़ता हुआ दिखे।


सड़क चौड़ीकरण: सिर्फ घोषणा, काम गायब


बैकुंठपुर की मुख्य सड़क के चौड़ीकरण की घोषणा दो बार हो चुकी है — एक बार कांग्रेस सरकार में और एक बार भाजपा सरकार में। लेकिन आज तक बजट की राशि स्वीकृत नहीं हुई। जनता को अब इस बात की आदत पड़ गई है कि इस घोषणा का हर साल रिपीट टेलीकास्ट होता रहेगा।


धनुहर नाला: पुल की जगह हादसों की कहानी


बैकुंठपुर-बिलासपुर मार्ग पर धनुहर नाले पर पुल बनाने के लिए दो बार बजट में प्रावधान किया गया, लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हुआ। इस बीच कई बार ट्रक और वाहन इस नाले में गिर चुके हैं, लेकिन सरकार को शायद हादसों से ज्यादा बजट घोषणाओं में दिलचस्पी है।


नालंदा परिसर भी बना वादों का शिकार


2023 में झुमका महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री ने कोरिया में नालंदा परिसर बनाने की घोषणा की थी। लेकिन 14 महीने बीत गए, इस बजट में नालंदा परिसर का नाम तक नहीं दिखा। कोरिया के लोग एक और अधूरी उम्मीद के साथ फिर ठगे रह गए।


शादी घर और स्विमिंग पूल: 13 साल का इंतजार जारी


2013 में विकास यात्रा के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बैकुंठपुर में शादी घर बनाने की घोषणा की थी। 13 साल बीत गए, लेकिन न तो जगह फाइनल हुई और न ही निर्माण शुरू हो सका। स्विमिंग पूल की योजना भी फाइलों में दम तोड़ चुकी है। बच्चों को अब गड्ढों और नहरों में तैरने की कला सीखनी पड़ रही है।


MCB में विकास की बयार, कोरिया में सन्नाटा


जब कोरिया जिले को घोषणाओं का लॉलीपॉप थमाया जा रहा है, तब मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में विकास कार्यों की झड़ी लगी हुई है। पिछले तीन सालों में वहां मेडिकल कॉलेज, उद्यानिकी महाविद्यालय, पॉलिटेक्निक कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज और 200 बिस्तरों वाला अस्पताल बन चुका है।


इस साल भी MCB को कई नई सौगातें मिलीं:


फिजियोथेरेपी कॉलेज

बहुउद्देशीय स्टेडियम

10 बिस्तर का योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र

मानसिक रोगी अस्पताल

एसएचसी केंद्र (कटवार)

अजाक थाना


MCB में विकास कार्यों की रफ्तार तेज है, लेकिन कोरिया अब भी वादों और घोषणाओं के भरोसे बैठा है।


कोरिया के लिए विकास कब?


बजट 2025-26 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कोरिया को सिर्फ घोषणाएं मिलती हैं, काम नहीं। अब 2026 के बजट का इंतजार है — शायद तब भी पुराने वादों की नई पैकिंग के साथ वही अधूरी उम्मीदें थमाई जाएंगी।



#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!