रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री कवासी लखमा को बड़ा झटका लगा है। ईडी की विशेष अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत में मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसके बाद बुधवार को फैसला सुनाया गया।
14 दिन और बढ़ी न्यायिक हिरासत
इससे पहले 21 जनवरी को कोर्ट ने कवासी लखमा को न्यायिक हिरासत (ज्यूडिशियल रिमांड) पर भेज दिया था। बुधवार को सुनवाई के बाद अदालत ने उनकी रिमांड को 14 दिन और बढ़ा दिया, जिससे अब वह आगे भी हिरासत में रहेंगे। मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले को लेकर ईडी ने बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू की थी। इस घोटाले में सरकारी तंत्र की मिलीभगत से अवैध शराब बिक्री और सरकारी राजस्व की हेराफेरी का आरोप है। जांच एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले में करोड़ों रुपये की अनियमितता हुई है, जिसमें कई राजनेता और अधिकारी शामिल हो सकते हैं।
ईडी ने इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां की हैं और बड़े स्तर पर छापेमारी भी की जा चुकी है। कवासी लखमा पर शराब घोटाले से जुड़े वित्तीय लेन-देन और निर्णय प्रक्रिया में भूमिका निभाने का आरोप है।
आगे क्या?
अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद कवासी लखमा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब उन्हें न्यायिक हिरासत में रहना होगा और आगे की सुनवाई में उनकी जमानत को लेकर फिर से फैसला लिया जाएगा।
ईडी इस मामले में लगातार नए सबूत जुटा रही है और अब यह देखना होगा कि 18 फरवरी की सुनवाई में क्या नया मोड़ आता है। वहीं, इस पूरे मामले पर कांग्रेस और विपक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया देने से फिलहाल बचाव का रुख अपनाया है।