चन्द्रकान्त पारगीर
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अपने पूरे रंग में है। दो चरणों की उठापटक के बाद 23 फरवरी को तीसरे चरण की बारी है, लेकिन नेताओं की हालत ऐसी हो गई है जैसे एग्जाम से पहले सिलेबस खत्म न हुआ हो। अब तक दो चरणों मे आए नतीजे इतने चौंकाने वाले हैं कि नेताजी की नींद गायब है, कइयों को तो लाखों खर्च के बाद हार का स्वाद चखना पड़ा है। अब तीसरे चरण का मतदान होने जा रहा है, प्रचार के समय से नेताओ के पीछे लगे उनके वही 'शुभचिंतक' जो हर चुनाव में मसीहा बनकर प्रकट होते हैं और जीत के सपने दिखाकर नेताओ का कचूमर निकालने में पीछे नही है।
“व्यवस्था” से जीतेगा चुनाव!
चुनाव आते ही शुभचिंतकों की बाढ़ आ जाती है। ये लोग नेताजी को बड़े प्यार से समझाते हैं — "भाई साहब, क्षेत्र में आपकी हालत पतली है। जनता नाराज़ है, पर मैं हूं ना! थोड़ी 'व्यवस्था' कर दीजिए, सब सेट हो जाएगा।" अब नेताजी भी मासूमियत से इस 'व्यवस्था' के जाल में फंस जाते हैं और दारू, मुर्गा, साड़ी और नकदी की बारिश शुरू हो जाती है।
मुर्गा हिट, बकरा सुपरहिट
इस पंचायती चुनावी मौसम में महंगाई सिर्फ पेट्रोल-डीजल तक सीमित नहीं है। मुर्गे ने अपने रेट बढ़ाकर 150 रुपये किलो कर लिए हैं, लेकिन बकरा तो VIP बन बैठा है — पूरे 600 रुपये किलो में बिक रहा है! हालांकि, मतदाता भी समझदार हैं। उन्होंने बकरे के महंगे नखरों को छोड़कर मुर्गे को ही ज्यादा पसंद किया है। आखिर सस्ता, स्वादिष्ट और सुलभ — तीनों चीजें एक साथ!
चुनावी ऑफर्स की बाढ़
ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी स्कीम्स ने सारे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को पीछे छोड़ दिया है। कहीं 'एक मुर्गा + एक साड़ी' ऑफर है, तो कहीं '500 रुपये + साड़ी' कॉम्बो। कुछ हाई-फाई नेता '1000 रुपये + दो साड़ी' वाला प्रीमियम पैकेज चला रहे हैं। जनता भी अपने फायदे को ध्यान में रखकर ऑफर चुन रही है — "वोट एक ही है, पर स्कीम तो देखनी चाहिए!"
नेताजी का सपना, शुभचिंतकों का खेल
जब चुनाव खत्म होंगे और नतीजे आएंगे, तो वही शुभचिंतक किसी और नेताजी के पाले में नजर आएंगे। नेताजी तब अपने खाली हाथ, बढ़े हुए खर्चे और गायब वोट बैंक को देखकर यही सोचते रह जाएंगे कि — "काश, साड़ी और मुर्गे के बजाय विकास में निवेश किया होता!"
कल मतदान है आज की रात कत्ल की रात कहीं जाती है, नेता फिर एक बार फिर शुभचिंतकों के ऑफर्स का शिकार बनते दिख रहे हैं। तब तक के लिए — मुर्गा खाइए, साड़ी पहनिए और लोकतंत्र का जश्न मनाइए!