चिरमिरी में बदहाल सड़कें बनीं चुनावी मुद्दा, जनता बोली – वादे नहीं, काम चाहिए

Chandrakant Pargir

 


चिरमिरी। नगर निगम चुनाव के मद्देनजर चिरमिरी की जर्जर सड़कों ने कांग्रेस सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। बरतूंगा और सतनाम भवन (कालरी मार्ग) की सड़कें वर्षों से बदहाल हैं, लेकिन अब तक मरम्मत नहीं हो पाई है। गड्ढों से भरी सड़कें, उड़ती धूल और बरसात में कीचड़ से परेशान जनता इस बार चुनाव में सरकार से जवाब मांगने की तैयारी कर रही है।


बदहाल सड़कें, जोखिम भरा सफर


बरतूंगा और सतनाम भवन मार्ग की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि लोगों के लिए रोजमर्रा की यात्रा मुश्किल भरी हो गई है। बरसात के दिनों में यह सड़कें दलदल में बदल जाती हैं, जबकि गर्मी में उड़ती धूल से लोग परेशान रहते हैं। दुपहिया वाहन चालकों, राहगीरों और बुजुर्गों के लिए यह रास्ते जानलेवा साबित हो रहे हैं।


स्थानीय निवासी राजेश सिंह का कहना है, "हर चुनाव में कांग्रेस के नेता सड़क सुधारने का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे इसे भूल जाते हैं। सतनाम भवन और बरतूंगा की सड़कें चलने लायक नहीं रहीं, लेकिन नगर निगम ने कोई ध्यान नहीं दिया।"


विपक्ष का हमला – सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप


नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने कांग्रेस सरकार पर सीधा हमला बोला है। भाजपा के स्थानीय नेता  डमरू बेहरा ने कहा, "पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस ने सिर्फ कागजों पर सड़कें बनाई हैं, जबकि हकीकत यह है कि लोग अब भी बदहाल सड़कों पर सफर करने को मजबूर हैं। सड़क निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं बदला।"


क्या सड़कों का मुद्दा बदलेगा चुनावी समीकरण?


नगर निगम चुनाव में टूटी सड़कें बड़ा मुद्दा बन गई हैं। जनता अब चुनावी वादों से ज्यादा बीते पांच वर्षों के काम का हिसाब मांग रही है। देखना होगा कि कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत कर पाती है या फिर जनता का गुस्सा उसे सत्ता से बेदखल कर देगा।


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