एमसीबी। चिरमिरी नगर निगम चुनाव से पहले कांग्रेस में भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। पार्टी के प्रत्याशी की घोषणा के बाद कांग्रेस के भीतर असंतोष गहराता जा रहा है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद अब महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बबीता सिंह ने कांग्रेस से नाता तोड़ते हुए चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
बबीता सिंह ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "मैं पिछले 26-27 साल से पार्टी के लिए काम कर रही हूं। मुझ पर कोई दाग नहीं है। मैं एक निष्ठावान कांग्रेसी हूं, लेकिन बार-बार एक ही परिवार को टिकट क्यों दिया जा रहा है? पार्टी में और भी योग्य नेता हैं। मेरे साथ छल किया गया।"
पार्टी के निर्णय पर उठाए सवाल
बबीता सिंह ने कहा कि पिछले चुनाव में भी उन्हें महापौर पद का वादा किया गया था, लेकिन अंत में उन्हें पार्षद का चुनाव लड़ाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनके खिलाफ साजिश रचते हुए निर्दलीय उम्मीदवार खड़े किए, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने तीन उम्मीदवारों की जमानत जब्त कराई।
उन्होंने यह भी कहा, "एक हाउसवाइफ कंचन जायसवाल, जिन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता तक नहीं ली थी, उन्हें महापौर बना दिया गया। मेरे जैसे समर्पित कार्यकर्ता के साथ ऐसा व्यवहार बार-बार किया जा रहा है। यह छल और अन्याय अब सहन नहीं किया जाएगा।"
महिला नेता के साथ दुर्व्यवहार का आरोप
बबीता सिंह ने मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बार-बार रायपुर बुलाकर परेशान किया गया। उन्होंने कहा, "एक महिला होने के नाते मुझे बार-बार मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया गया। मुझे पार्टी से क्या मिला? मैं इतने वर्षों से समर्पण के साथ काम कर रही हूं, लेकिन मेरी उपेक्षा की गई।"
स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान
कांग्रेस छोड़ने के बाद बबीता सिंह ने नगर निगम चुनाव में स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, "अब मैं चुनाव लड़ूंगी। मेरे साथ छल और छलावा अब और नहीं चलेगा। कांग्रेस के कई लोग मेरे साथ हैं और मुझे पूरा समर्थन देंगे।"
चिरमिरी नगर निगम चुनाव में बबीता सिंह का यह फैसला कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। पार्टी में जारी विरोध और असंतोष से कांग्रेस की स्थिति कमजोर होती नजर आ रही है।