बारनवापारा से गुरु घासीदास में बाइसन की मौत: कौन है जिम्मेदार? वन्यजीव प्रेमियों ने उठाए सवाल

Chandrakant Pargir

 


बैकुंठपुर , 28 जनवरी छत्तीसगढ़ में बारनवापारा अभ्यारण्य से गुरु घासीदास नेशनल पार्क (GGNP) में ट्रांसलोकेशन के दौरान एक उप-वयस्क मादा बाइसन की मौत ने विवाद खड़ा कर दिया है। वन्यजीव प्रेमी इसे विभाग की लापरवाही और बाइसन की हत्या करार दे रहे हैं। रायपुर के नितिन सिंघवी ने भारत सरकार को पत्र लिखकर ट्रांसलोकेशन की अनुमति निरस्त करने की मांग की है।


मौत के पीछे की कहानी


सितंबर 2018 में भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ वन विभाग को बारनवापारा से 40 बाइसन गुरु घासीदास नेशनल पार्क में स्थानांतरित करने की अनुमति दी थी। शर्त थी कि प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी होने पर अनुमति रद्द की जा सकती है। छह साल बाद 25 जनवरी 2025 को वन विभाग ने अचानक एक उप-वयस्क मादा बाइसन को पकड़कर ट्रांसलोकेशन शुरू किया।


बेहोश की गई बाइसन को  दोपहर 2 बजे ट्रक से रवाना किया गया और रात 2 बजे GGNP में उतारा गया। ठंडे मौसम में, मां और झुंड से अलग होने के आघात के बीच, बाइसन 25 मिनट बाद गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई।


सामाजिक वन्यजीवों के लिए खतरा


बाइसन सामाजिक प्राणी होते हैं, जो झुंड में रहते हैं। उप-वयस्क बाइसन अपनी मां और झुंड के संरक्षण में आवश्यक उत्तरजीविता कौशल सीखते हैं। वन विभाग ने इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए अकेली उप-वयस्क मादा को स्थानांतरित किया। विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रांसलोकेशन के दौरान पूरे झुंड को स्थानांतरित करना चाहिए था।


मौसम और आघात बना मौत का कारण?


बारनवापारा और GGNP के बीच तापमान का बड़ा अंतर है। GGNP में रात के समय तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। मां और झुंड से अलग होने का आघात और ठंड का प्रभाव बाइसन की मौत का मुख्य कारण हो सकता है।


वन विभाग पर सवाल


वन विभाग ने अभी तक इस घटना पर कोई बयान जारी नहीं किया है। जानकारी के अनुसार, बाइसन के झुंड से कम से कम 2-3 बाइसन को स्थानांतरित करना था। पशु चिकित्सकों ने अकेले उप-वयस्क को भेजने का विरोध किया था, लेकिन अधिकारियों के दबाव में यह निर्णय लिया गया।


वन्यजीव प्रेमियों का विरोध


नितिन सिंघवी ने कहा, "IUCN की रेड लिस्ट में शामिल और भारत में कानूनी रूप से संरक्षित अनुसूची-I बाइसन की मौत छत्तीसगढ़ वन विभाग की लापरवाही का नतीजा है। GGNP में ट्रांसलोकेशन का निर्णय तब तक टाला जाना चाहिए, जब तक वहां का प्रबंधन टाइगर रिजर्व के मानकों के अनुरूप न हो जाए।"


आगे की मांग


वन्यजीव प्रेमियों ने मांग की है कि ट्रांसलोकेशन की अनुमति को रद्द किया जाए और बाइसन की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो। साथ ही GGNP में वन्यजीवों के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करने के बाद ही ट्रांसलोकेशन पर विचार किया जाए।




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