बैकुंठपुर: यातायात और शहरी व्यवस्था की समस्याएं गंभीर, समाधान के लिए ठोस पहल जरूरी

Chandrakant Pargir

 


बैकुंठपुर 9 जनवरी। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर, को सुव्यवस्थित बनाने के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। शहर में बढ़ते यातायात दबाव और अव्यवस्थित शहरीकरण ने लोगों की समस्याओं को बढ़ा दिया है। प्रमुख समस्या पार्किंग की है, जिस पर प्रशासन का ध्यान नहीं गया है। लगातार बढ़ते चारपहिया वाहनों की संख्या और यातायात जाम से आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पार्किंग और यातायात जाम की समस्या

बिलासपुर रोड से आने वाले बड़े ट्रकों के कारण जाम की स्थिति बन जाती है। एक ट्रक को निकलने में 20 मिनट तक लग जाते हैं, जिससे अन्य वाहन फंस जाते हैं। शहर में चारपहिया वाहनों की भरमार हो चुकी है, लेकिन पार्किंग की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है।

अघोषित स्टॉपेज बन रहे समस्या का कारण

बस स्टैंड से निकलने वाली बसें शहर के विभिन्न स्थानों पर बार-बार रुकती हैं। फव्वारा चौक, घड़ी चौक, नगर पालिका कॉम्प्लेक्स और स्कूलों के पास बसों के रुकने से अन्य वाहनों की गति प्रभावित होती है। इससे यातायात बाधित होता है और जाम की स्थिति बनती है।

जाम के प्रमुख स्थान

1. जिला अस्पताल रोड:


पोस्ट ऑफिस के पास सड़क के दोनों ओर ठेले लगने से वाहनों का आवागमन बाधित होता है।

2. मानस भवन से कुमार चौक:


यहां बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण जाम की स्थिति रहती है।

3. डबरीपारा तिराहा:


महलपारा और दुर्गा पंडाल के पास ऑटो चालकों की अनियंत्रित पार्किंग से परेशानी होती है।

4. केंद्रीय विद्यालय और सेंट जोसेफ स्कूल रोड:


गेज नदी के पास बच्चों की टैक्सियों और अन्य वाहनों के कारण यातायात प्रभावित होता है।

5. बस स्टैंड के पास:


बिरयानी स्टॉल और टैक्सी स्टैंड के कारण मुख्य मार्ग संकरा हो गया है, जिससे विवाद की स्थिति बनती है।

6. फव्वारा चौक और पोस्ट ऑफिस के पास:


अघोषित ऑटो स्टैंड के कारण जाम लगना आम बात है।

समाधान की आवश्यकता

शहर को सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

मल्टी-लेवल पार्किंग का निर्माण।

अघोषित स्टॉपेज को हटाकर निर्धारित स्थानों पर बसों का ठहराव।

ठेले और दुकानों के लिए अलग से स्थान निर्धारित करना।

प्रमुख चौराहों पर यातायात पुलिस की तैनाती।

स्कूल क्षेत्रों में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यातायात सुधार।

शहरवासियों और प्रशासन के समन्वय से ही इन समस्याओं का स्थायी समाधान संभव है। इसके लिए एक दूरगामी रणनीति और ठोस कार्ययोजना की आवश्यकता है।


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