विकास के दावे हुए धरे के धरे — खड़गवां क्षेत्र के नेवरी गांव में आज भी सड़क के अभाव में खटिया पर ढोना पड़ता है मरीजों को

Chandrakant Pargir

 


एमसीबी। 

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के खड़गवां तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत नेवरी (पोस्ट कोड़ा) से विकास की एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर बताती है कि आज़ादी के 75 साल बाद भी प्रदेश के कई गांव बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं। यहां न तो पक्की सड़क है, न ही पुल-पुलिया का निर्माण। हालात ऐसे हैं कि ग्रामीणों को आज भी बीमारों को खटिया या चारपाई पर उठाकर नदी-नाले पार कर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है।



घटना बुधवार सुबह की है, जब नेवरी गांव के एक गंभीर रूप से बीमार मरीज की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजनों ने तुरंत 108 एम्बुलेंस को सूचना दी, लेकिन एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई क्योंकि सड़क बनी ही नही है और नेवरी नाले पर कोई पुल नहीं बना है। मजबूरी में चार ग्रामीणों ने मरीज को खटिया पर लादकर करीब एक किलोमीटर तक पैदल चलकर नाला पार किया, तब जाकर सड़क तक पहुंच पाए। इसके बाद ही मरीज को एम्बुलेंस में बैठाकर अस्पताल भेजा जा सका।



ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इस समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। बारिश के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब नाला उफान पर होता है और गांव पूरी तरह कट जाता है।



यह घटना प्रशासनिक तंत्र पर बड़ा सवाल खड़ा करती है — आखिर विकास की गूंज गांवों तक कब पहुंचेगी? और क्या ग्रामीणों को इस तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती रहेंगी, जबकि सरकार हर मंच से "गांव-गरीब-किसान" के उत्थान की बात करती है?


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