डीएफओ के खिलाफ मनेंद्रगढ़ में उबाल,जनप्रतिनिधियों के अपमान मामले ने पकड़ा तूल, डीएफओ के खिलाफ लामबंद हुए पार्षद, अभद्रता और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी,

Chandrakant Pargir

 


एमसीबी। मनेंद्रगढ़ में वन विभाग के डीएफओ मनीष कश्यप के खिलाफ जनप्रतिनिधियों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती प्रतिभा यादव के नेतृत्व में नगर पालिका क्षेत्र के सभी 22 पार्षदों ने एकजुट होकर डीएफओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और तत्काल स्थानांतरण की मांग की। पार्षदों का आरोप है कि डीएफओ लगातार जनप्रतिनिधियों के साथ अभद्रता कर रहे हैं और वन विभाग में भ्रष्टाचार, मनमानी और पक्षपात चरम पर है।



7 अगस्त को आयोजित एक बैठक में जब सभी जनप्रतिनिधि डीएफओ से भालू विचरण सहित अन्य स्थानीय समस्याओं पर चर्चा करने पहुँचे, तो उन्होंने बैठक से सभी को बाहर निकल जाने को कह दिया। इससे आक्रोशित होकर सभी पार्षद धरने पर बैठ गए और “डीएफओ हटाओ” के नारे लगाए। विरोध का यह स्वर अब तेज़ होता जा रहा है, और पार्षदों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही डीएफओ का स्थानांतरण नहीं किया गया, तो वे सभी सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे।



पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया कि डीएफओ मनीष कश्यप की पदस्थापना के बाद से एक ही ठेकेदार को लाभ पहुंचाया जा रहा है, भू-जल संरक्षण के कार्य समय से पहले कागजों में पूर्ण दिखाकर राशि निकाल ली गई है, और विभागीय नियमों की लगातार अनदेखी की जा रही है। इससे पहले जब वे कोरिया वन मंडल में पदस्थ थे, तब भी उनके खिलाफ 11 दिन तक आंदोलन चला था और अंततः उन्हें हटाया गया था। अब देखना होगा कि प्रशासन इस बार पार्षदों की चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है।


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