एमसीबी 7 अगस्त। मनेंद्रगढ़ वनमंडल में लगातार भालू विचरण की बढ़ती घटनाओं को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल जब सोमवार को डीएफओ से मिलने पहुंचा, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई। जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि डीएफओ ने न सिर्फ उनकी बात को नजरअंदाज किया, बल्कि उनसे अभद्र व्यवहार भी किया। इस घटना से नाराज जनप्रतिनिधियों ने तत्काल डीएफओ कार्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया और ‘डीएफओ मुर्दाबाद’ के नारे लगाने लगे।
धरने पर बैठे जनप्रतिनिधियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मनेंद्रगढ़ वनमंडल में डीएफओ की पदस्थापना के बाद से भ्रष्टाचार चरम पर है। एक ही सोनहत के ठेकेदार को हर निर्माण कार्य में अनुचित लाभ दिया जा रहा है। भू-जल संरक्षण कार्य, जो अक्टूबर में प्रस्तावित था, उसे जून में ही कागजों में पूरा कर राशि आहरित कर ली गई है। कहीं ट्रांसफर न हो जाए इसलिए राशि पहले निकाल ली गई, इससे यह स्पष्ट होता है कि कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितता बरती जा रही है।
यही कारण है कि वन ममदल से कुछ अधिकारियों और रेंजरों ने अपने तबादले दूसरे वन मण्डल में करवा लिए है। डीएफओ द्वारा वरिष्ठ कर्मचारियों की उपेक्षा कर जूनियर कर्मचारियों को रेंज प्रभारी बना दिया गया है। वन प्रबंधन समितियों की राशि का दुरुपयोग करते हुए खरीदी प्रक्रिया में क्रय अधिनियम का पालन नहीं किया गया। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जब उन्हें सवाल उठाने पर अपमानित किया जाएगा, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने मांग की है कि डीएफओ को तत्काल हटाया जाए और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। धरना जारी है और जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन और उग्र किया जाएगा।