एमसीबी। मनेंद्रगढ़ वनमंडल में गुरुवार को उस समय गरम माहौल बन गया, जब “मनीष कश्यप हाय-हाय” के नारों से पूरा परिसर गूंज उठा। नगर पालिका मनेंद्रगढ़ के भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के पार्षद डीएफओ कार्यालय के सामने एक साथ धरने पर बैठ गए। डीएफओ मनीष कश्यप की कार्यशैली, व्यवहार और विभागीय अनियमितताओं को लेकर यह आंदोलन बीते दो घंटे से जारी है।
जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पूर्व डीएफओ को हटाते समय स्वयं मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि अब विभाग में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए, लेकिन वर्तमान डीएफओ मनीष कश्यप ने न सिर्फ मुख्यमंत्री के निर्देश की अनदेखी की, बल्कि विभागीय पारदर्शिता को भी दरकिनार कर दिया। महुआ बचाओ अभियान में समितियों से जबरन राशि वसूली के आरोप, लाभांश की राशि में गड़बड़ी, अडानी समूह के पौधारोपण में वन भूमि सीमांकन व मुनारे निर्माण में एक ही ठेकेदार को लगातार ठेका देना, और जेम पोर्टल से की जा रही खरीदी में नियमों की अनदेखी जैसी गंभीर शिकायतें डीएफओ पर लग चुकी हैं।
अब हालात ऐसे बन गए हैं कि कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के पार्षद पार्टी लाइन से ऊपर उठकर एक मंच पर आ खड़े हुए हैं। सभी पार्षदों ने स्पष्ट कहा है कि जब तक डीएफओ का स्थानांतरण नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। इससे पूर्व कई मामले में मुख्यमंत्री को भी लिखित शिकायत भेजी जा चुकी है। जनप्रतिनिधियों की यह एकजुटता प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। अब देखना यह होगा कि शासन इस मामले में कितनी शीघ्रता से निर्णय लेता है।