चिरमिरी। स्वास्थ्य मंत्री की धार्मिक यात्रा को लेकर सोशल मीडिया में पूर्व महापौर एवं कांग्रेस नेता के. डमरू रेड्डी की एक फेसबुक पोस्ट से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। रेड्डी ने पोस्ट में सवाल उठाया कि हाल ही में मंत्रीजी के नेतृत्व में धार्मिक यात्रा पर गए दल में वर्तमान महापौर राम नरेश राय को शामिल क्यों नहीं किया गया? क्या उन्हें जानबूझकर पुण्य लाभ से वंचित रखने की साजिश रची गई है?
इस पोस्ट में यह भी आरोप लगाए गए कि धार्मिक यात्रा में परिवार के सदस्यों के अलावा राजनीतिक सलाहकारों व व्यापारियों को तो शामिल किया गया, लेकिन नगर की पहली जनता-निर्वाचित प्रतिनिधि महापौर को बाहर रखा गया। उन्होंने सवाल किया— "क्या महापौर मंत्री टीम को इतना खटकने लगे हैं?"
इस तीखे पोस्ट के जवाब में वर्तमान महापौर राम नरेश राय ने भी सोशल मीडिया पर विस्तृत जवाब देकर पूर्व महापौर के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने लिखा—
> “भाई साहब रेड्डी जी, आपके पोस्ट को पढ़ने के बाद स्पष्ट करना चाहता हूं कि महापौर पद की जिम्मेदारियां आप भी निभा चुके हैं, तो आपको भली-भांति ज्ञात होगा कि यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण दायित्व है। कई बार जनहित के कार्यों को प्राथमिकता देना जरूरी होता है।”
महापौर राय ने कहा कि भाजपा में गुटबाजी जैसी कोई परंपरा नहीं है, न ही किसी जनप्रतिनिधि को गौण माना जाता है। उन्होंने कहा कि
> “मंत्री जी वर्षों से बाबा धाम यात्रा करते आ रहे हैं और यात्रा में सम्मिलित होने की इच्छा रखने वालों को हमेशा आमंत्रित करते हैं। मैं भी उन्हीं में शामिल था, लेकिन शहर की जनता ने जो जिम्मेदारियां दी हैं, उन्हें निभाना मेरा पहला कर्तव्य है।”
उन्होंने कहा कि वह 20 वर्षों से वकालत और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और कभी भी ओछी राजनीति में शामिल नहीं रहे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि—
> “मैं न तो पहले किसी पर टिप्पणी करता था और न आगे करूंगा। भारतीय जनता पार्टी हमेशा जनता के आशीर्वाद को सर्वोपरि मानती है और गुटबाजी से दूर रहकर विकास के मार्ग पर अग्रसर है।”
दोनों नेताओं की यह सोशल मीडिया पर हुई बहस अब शहर की राजनीतिक चर्चाओं में गूंज रही है। इससे एक ओर जहां भाजपा में अंतर्कलह की चर्चाएं हो रही हैं, वहीं महापौर ने अपने जवाब में इसे सिरे से खारिज किया है।