एमसीबी। मनेंद्रगढ़ वनमंडल में डीएफओ मनीष कश्यप के खिलाफ चल रहा विरोध अब और व्यापक हो गया है। कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बाद अब पत्रकार भी डीएफओ के व्यवहार के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं। बवाल के बीच भरतपुर-सोनहत की विधायक रेणुका सिंह और भाजपा जिला अध्यक्ष चंपा देवी पावले जब डीएफओ चेम्बर में पहुंचीं, तो उनके साथ कुछ पत्रकार भी अंदर जाना चाह रहे थे। लेकिन डीएफओ ने चेंबर का गेट बंद करवा दिया और पत्रकारों को बाहर निकालने के निर्देश दे दिए।
डीएफओ के इस बर्ताव से नाराज होकर पत्रकारों ने कार्यालय परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों और मीडिया के साथ ऐसा व्यवहार निंदनीय है। इधर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के पार्षद पहले से ही डीएफओ को हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। अब मीडिया का समर्थन मिलने से यह आंदोलन और भी मजबूत होता दिख रहा है।
बताया जा रहा है कि पूरे घटनाक्रम पर न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय और पीसीसीएफ तक की नजर बनी हुई है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी तेज है कि एक अधिकारी के व्यवहार के कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है। हालांकि विधायक रेणुका सिंह और भाजपा जिला अध्यक्ष चंपा देवी पावले की डीएफओ से मुलाकात हुई, लेकिन अभी तक किसी समाधान की स्थिति सामने नहीं आई है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पिछले एक साल से डीएफओ की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, जिन्हें कई बार वरिष्ठ नेताओं तक भी पहुंचाया गया, लेकिन अब असंतोष सड़कों पर आ चुका है।