करोड़ों का मुनाफा, फिर भी विकास से दूर कटगोड़ी क्षेत्र, एसईसीएल की उदासीनता से नाराज़ ग्रामीण, बुनियादी सुविधाओं का टोटा

Chandrakant Pargir

 


कोरिया  एसईसीएल के चरचा आरओ माइंस के अंतर्गत आने वाला कटगोड़ी क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है, जबकि यहां से एसईसीएल (दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे) हर साल करोड़ों रुपये का मुनाफा कमा रहा है। कोयले के उत्पादन से जहां राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपये की रॉयल्टी मिल रही है, वहीं दूसरी ओर खदान क्षेत्र से लगे गांव आज भी बदहाल बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं।


कटगोड़ी क्षेत्र की जर्जर सड़कें, पीने के पानी की विकराल होती समस्या और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, एसईसीएल की सामाजिक जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े कर रही है। गर्मियों में पानी की किल्लत इतनी बढ़ जाती है कि कई हैंडपंप सूख चुके हैं और बोरवेल भी पानी देना बंद कर चुके हैं।


CSR मद की योजनाएं कागज़ों तक सीमित


एसईसीएल द्वारा अपने CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) मद से क्षेत्रीय विकास के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। 'बुनियाद परियोजना', 'अरमान परियोजना' और 'स्वास्थ्य ग्राम परियोजना' जैसी योजनाएं भी यहां सिर्फ औपचारिकता तक सीमित नजर आती हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के नाम पर अब तक कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है।


मनोरंजन और सौंदर्यीकरण भी उपेक्षित


जहां जिले में झुमका बोट क्लब जैसी परियोजनाएं CSR मद से बनाई गई हैं, वहीं कटगोड़ी क्षेत्र को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। कई मार्ग अब भी कच्चे हैं और मरम्मत की आवश्यकता वर्षों से बनी हुई है।


खनन से गिरता जलस्तर, ब्लास्टिंग से दरकती दीवारें


क्षेत्र में हो रहे भूमिगत कोयला खनन ने जलस्तर को बुरी तरह प्रभावित किया है। हैंडपंप सूख गए हैं और टैंकरों पर निर्भरता बढ़ गई है। वहीं खनन के दौरान होने वाली ब्लास्टिंग से कई ग्रामीणों के घरों में दरारें आ गई हैं। लोगों को भूकंप जैसे झटके महसूस होने की शिकायतें भी सामने आई हैं।


क्या कहते हैं स्थानीय लोग

कटगोड़ी निवासी नीलेश साहू ने कहा, “एसईसीएल द्वारा क्षेत्र से करोड़ों की कमाई की जाती है, लेकिन बदले में हमें चंद टैंकर और स्ट्रीट लाइट्स के अलावा कुछ नहीं मिला। कई बार ज्ञापन देने और आंदोलन करने के बाद भी सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। अब पुनः मांग की जाएगी कि बुनियादी समस्याओं को जल्द दूर किया जाए।”


सरकार और प्रबंधन से अपेक्षा



ग्रामीणों को उम्मीद है कि शासन और एसईसीएल प्रबंधन कटगोड़ी क्षेत्र की उपेक्षा को समाप्त कर, जल्द ही आवश्यक विकास कार्यों को अमल में लाएंगे।





 

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