कोरिया | एमसीबी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं, जब चैनपुर निवासी अर्जुन सिंह की डेढ़ वर्षीय पुत्री की उपचार के अभाव में मौत हो गई। मासूम को उल्टी-दस्त की शिकायत थी, लेकिन समय पर इलाज न मिलने से उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
पीड़ित पिता अर्जुन सिंह ने बताया कि बुधवार को बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर वे उसे स्थानीय सरकारी अस्पताल ले गए, जहाँ सिर्फ दवाइयाँ देकर घर भेज दिया गया। जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो गुरुवार सुबह वह उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे, जहाँ उन्होंने बच्ची को भर्ती करने का अनुरोध किया। लेकिन डॉक्टरों ने बेड नहीं होने का हवाला देते हुए दो दिन बाद आने को कहा और उन्हें लौटा दिया।
इसके बाद अर्जुन सिंह बच्ची को लेकर मनेन्द्रगढ़ के आमा खेरवा अस्पताल पहुँचे, लेकिन वहाँ से भी उन्हें पुनः सरकारी अस्पताल लौटने को कहा गया। अंततः उन्होंने किसी तरह बस से बच्ची को लेकर जिला अस्पताल बैकुंठपुर की ओर रवाना हुए, लेकिन वहाँ पहुँचने से पहले ही बच्ची की मौत हो गई।
बैकुंठपुर जिला अस्पताल में पदस्थ सीएस डॉ. आयुष जायसवाल ने पुष्टि की कि बच्ची मृत अवस्था में लाई गई थी। उन्होंने कहा, “हमने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।”
यह दर्दनाक घटना जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। समय पर इलाज, पर्याप्त संसाधन और मानवीय संवेदनाओं की कमी ने एक मासूम की जान ले ली।