ब्लड डोनेशन बना सोशल मीडिया की ताकत का उदाहरण, युवा व्यवसायी ने निभाई मानवता की मिसाल

Chandrakant Pargir

 


बैकुंठपुर। आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया जहां कभी-कभी नकारात्मक चर्चाओं का केंद्र बन जाता है, वहीं इसकी सकारात्मक शक्ति भी समाज के लिए मिसाल बन रही है। ऐसा ही एक उदाहरण सामने आया "बैकुंठपुर संवाद" नामक व्हाट्सएप ग्रुप से, जहां ग्रुप के सह-एडमिन अजय जीवनानी द्वारा बी पॉजिटिव ब्लड की तत्काल आवश्यकता संबंधी संदेश साझा किया गया।



इस संदेश को पढ़ते ही ग्रुप सदस्य और युवा व्यवसायी रितेश अग्रवाल ने तुरंत पहल करते हुए जिला अस्पताल पहुँचकर न केवल मरीज की जानकारी ली, बल्कि खुद रक्तदान भी किया। इसके पश्चात रितेश ने ब्लड डोनेशन की फोटो ग्रुप में साझा की, जिससे अन्य सदस्यों ने भी उनके इस सेवा-भाव की दिल खोलकर सराहना की।



रितेश अग्रवाल का यह कार्य सिर्फ एक मरीज की जान बचाने का माध्यम नहीं बना, बल्कि यह भी साबित कर गया कि अगर तकनीक का उपयोग सही दिशा में किया जाए तो वह कितनी बड़ी सामाजिक ताकत बन सकती है।


गौरतलब है कि कोरिया जिला अस्पताल बैकुंठपुर में स्थित ब्लड बैंक का लाइसेंस अब तक प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे वहां नियमित रूप से रक्त की कमी बनी रहती है। ऐसे में सोशल मीडिया के माध्यम से जरूरतमंदों को समय पर मदद मिलना किसी वरदान से कम नहीं है।

इस घटना ने यह भी संदेश दिया है कि समाज में सकारात्मक सोच और तत्परता से बड़े बदलाव संभव हैं। जरूरत है तो सिर्फ संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना की।


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