भरतपुर (एम.सी.बी.), 27 अप्रैल। भरतपुर तहसील के हरचोखा ग्राम पंचायत क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ आज ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए ग्रामवासियों ने रेत से भरे हाईवा वाहनों को शाम 4 बजे रोककर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने इस अवैध कारोबार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया कि अवैध रेत उत्खनन के कारण माँ सीतामढ़ी निर्मल घाट का जलस्तर खतरनाक स्तर तक नीचे चला गया है। इससे श्रद्धालुओं को दूषित पानी का सेवन करना पड़ रहा है। साथ ही, रामवनगमन पथ के किनारे लगाए गए वृक्ष भी धूल के कारण क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि भारी रेत परिवहन से प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी सड़कों की हालत जर्जर हो गई है। पहले भी सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके थे, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री के दौरे के समय अस्थायी तौर पर मरम्मत किया गया था, लेकिन अब फिर वही हालात बनते जा रहे हैं।
रेत उत्खनन से भूजल स्तर में भारी गिरावट आ गई है, जिससे ग्रामीण इलाकों में कुएं और बोरवेल सूख रहे हैं। खेती-किसानी प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, रात-दिन चल रहे भारी वाहनों के कारण ध्वनि प्रदूषण भी चरम पर है, जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर गंभीर असर पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नदी में अधिक गहराई तक खुदाई हो जाने के कारण मवेशी और बच्चे दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। पुलों की हालत भी गंभीर रूप से खराब हो गई है और वह कभी भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं।
गौरतलब है कि बीते 5 वर्षों में कांग्रेस सरकार के दौरान इस क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन बड़े पैमाने पर होता रहा। भाजपा सरकार के शुरुआती एक वर्ष तक इस पर कुछ हद तक रोक लगी रही, मगर अब फिर से अवैध रेत का कारोबार जोरों पर है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लगाई गई तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।