कोरिया। चरचा आरओ स्थित जेएमएस कंपनी में कार्यरत एक ठेका मजदूर की बीती रात दूसरे शिफ्ट के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना के बाद से मजदूरों में भारी आक्रोश फैल गया है। मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने के प्रयासों के दौरान ठेका मजदूर संघ के बैनर तले दर्जनों मजदूरों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन कर रहे मजदूरों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन मृतक के परिजनों को मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपये और अंतिम संस्कार हेतु 50 हजार रुपये देने से इनकार कर रहा है। साथ ही घटना के कई घंटे बीत जाने के बावजूद न तो कोई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचा और न ही अस्पताल में पीड़ित परिवार से मिलने गया, जिससे मजदूरों का गुस्सा और भड़क गया।
ऑपरेटर की लापरवाही से हुई दुर्घटना
ठेका मजदूर संघ के अध्यक्ष अमरनाथ साहू ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार डीएच मशीन के ऑपरेटर ने मशीन को अचानक चालू कर दिया, जिससे मजदूर को संभलने का मौका नहीं मिला और गंभीर रूप से घायल होकर उसकी मौत हो गई। उन्होंने ऑपरेटर को इस हादसे के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कंपनी प्रबंधन सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहा है।
तकनीकी रिपोर्ट में देरी से रुकती कार्रवाई
पुलिस सूत्रों की माने तो इस तरह में।मामलों में बिलासपुर स्थित डीजीएमएस से जो रिपोर्ट आती है, उंसमे सालों लग जाते है, कई बार ऐसी तकनीकी रिपोर्टों में एक-एक साल तक की देरी होती है। इससे दोषियों पर समय पर कार्रवाई नहीं हो पाती। उनका आरोप है कि यह देरी जानबूझकर की जाती है ताकि आरोपी बच सकें।
जोखिम भरे कार्य में लगाए जा रहे अकुशल मजदूर
मजदूरों ने खुलासा किया कि जहां तकनीकी जानकारों की आवश्यकता होती है, वहां अकुशल मजदूरों से काम करवाया जा रहा है, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है। मृतक के साथ कार्यरत मजदूरों के अनुसार, जिस ऑपरेटर की लापरवाही से यह घटना हुई, वह अभी तक फरार है और कंपनी प्रबंधन उसे बचाने में लगा है।
मजदूरों की मांगें स्पष्ट: मुआवजा और सख्त कार्रवाई
प्रदर्शनकारी मजदूरों ने साफ किया है कि जब तक मृतक के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया जाता और दोषी ऑपरेटर व जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।