दादी जानकी जी की पुण्य स्मृति में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित, एसपी कोरिया ने दिलाई नशे से दूर रहने की शपथ

Chandrakant Pargir

 


बैकुंठपुर, कोरिया (27 मार्च 2025) – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, कल्पना नगर, बैकुंठपुर में संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी की पुण्य स्मृति में विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एसपी रवि कुर्रे ने ब्रह्माकुमारी की सराहना की और नशा मुक्ति अभियान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने समाज में बढ़ते नशे के दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि नशा नहीं मिल रहा है, तो अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसे रोकने के लिए सभी को जागरूक होना होगा।




विशेष राजयोग ध्यान सत्र और प्रदर्शनी का आयोजन


कार्यक्रम की शुरुआत विशेष राजयोग ध्यान सत्र से हुई, जिसमें उपस्थित भाई बहन ने दादी जानकी जी के आध्यात्मिक जीवन के मार्गदर्शन को स्मरण किया। इसके पश्चात, दादी जी के जीवन पर आधारित पआध्यात्मिक ज्ञान और उनके जीवन के विशेषताओ पर प्रकाश डाला गया , जिसमें उनके द्वारा किए गए सामाजिक एवं आध्यात्मिक कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया।


दादी जानकी जी: आध्यात्मिक और सामाजिक सेवा की मिसाल


1916 में अविभाजित भारत के हैदराबाद (सिंध) में जन्मीं दादी जानकी जी ने मात्र 21 वर्ष की आयु में ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान से जुड़कर अपना जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया। वे 103 वर्ष की आयु तक सक्रिय रहीं और 145 से अधिक देशों में भारतीय संस्कृति व राजयोग का प्रचार किया। उन्हें ‘विश्व की सबसे स्थिर मन वाली महिला’ के रूप में भी जाना जाता है।


स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण में योगदान


भारत सरकार द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत मिशन में भी दादी जानकी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस अभियान का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया था। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और समाज में नेतृत्व स्थापित करने की प्रेरणा दी।


सम्मान और उपलब्धियां


दादी जी को अपने जीवनकाल में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें प्रमुख हैं:


Courage of Conscience Award (अमेरिका)


Kashi Humanitarian Award (2005)


संयुक्त राष्ट्र विश्व शिखर सम्मेलन (1999) में नेतृत्व


स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर (भारत सरकार द्वारा)



500 से अधिक भाई बहनों ने ब्रम्हा भोजन ग्रहण किया


कार्यक्रम के अंत में 500 से 600 श्रद्धालुओं ने ब्रम्हा भोजन ग्रहण किया और दादी जानकी जी के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।


समाज सेवा और नशा मुक्ति का संकल्प


इस अवसर पर बैकुंठपुर सेवा संचालिका बीके रेखा बहन और बीके रूपा बहन ने कहा कि दादी जानकी जी का जीवन त्याग, समर्पण और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक था। उन्होंने नशा मुक्ति अभियान को आगे बढ़ाने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सभी को प्रेरित किया। कार्यक्रम में उपस्थित भाई बहन और अतिथियों ने दादी जानकी जी के दिखाए मार्ग पर चलने और समाज में शांति, सेवा व सद्भावना स्थापित करने का संकल्प लिया।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!