रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को जोरदार हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कांग्रेस के सभी 35 विधायकों को निलंबित कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी को लेकर कांग्रेस ने सदन में जोरदार विरोध दर्ज कराया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही।
गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक:
विधानसभा से निलंबन के बाद कांग्रेस के सभी 35 विधायक विधानसभा परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए। कांग्रेस विधायकों ने ED की कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार देते हुए लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस विधायकों ने अपनी मांगें उठाईं और ED की तानाशाही के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद की।
क्या है पूरा मामला:
ED ने सोमवार सुबह भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर छापेमारी की, जिसके बाद प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई। इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में ED के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने बार-बार शांति की अपील की, लेकिन हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बाधित होती रही। आखिरकार, सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सभी 35 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
कांग्रेस का बड़ा आरोप:
धरने पर बैठे कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि ED को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश हो रही है। विधायक धरने पर बैठकर न्याय की मांग कर रहे हैं और ED की कार्यप्रणाली की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
सत्ता पक्ष का जवाब:
वहीं, सत्ता पक्ष ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ED स्वतंत्र एजेंसी है और वह कानून के मुताबिक कार्रवाई कर रही है। सत्ता पक्ष ने कांग्रेस के हंगामे को सदन की कार्यवाही बाधित करने की साजिश बताया।
प्रदेश में बढ़ा सियासी तापमान:
कांग्रेस विधायकों के निलंबन और गांधी प्रतिमा के सामने धरने के बाद प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया है। कांग्रेस कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं। इस सियासी घमासान पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हैं, और आने वाले दिनों में राजनीतिक टकराव और तेज होने की संभावना है।