बैकुंठपुर। शहर के बीच स्थित शासकीय कुक्कुट पालन केंद्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया है। यह खतरनाक वायरस इंसानों तक फैल सकता है, जिससे स्थिति और भयावह हो सकती है। संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने तत्काल आपातकालीन कदम उठाए हैं और प्रभावित क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है। मौके पर कलेक्टर, सीईओ सहित कई अधिकारियों ने दौरा कर जरूरी दिशा निर्देश दिए।
रातोंरात नष्ट की जाएंगी हजारों मुर्गियां और अंडे
संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए 19,095 अंडे, 9,998 चुजे, 2,487 एडल्ट मुर्गियां और 2,448 बटेर को रातभर में नष्ट करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, एक किलोमीटर के दायरे में कुक्कुट उत्पादों की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है ताकि वायरस अन्य क्षेत्रों में न फैले।
मौके पर अपर कलेक्टर अरुण मरकाम, एसडीएम दीपिका नेताम, तहसीलदार अमृता सिंह और पशु चिकित्सा सेवाओं के अधिकारी मौजूद हैं। प्रशासन ने बड़ी संख्या में बोरे मंगाए हैं, जिनमें संक्रमित मुर्गियों को भरकर नष्ट किया जाएगा। पशु चिकित्सा विभाग की टीम PPE किट पहनकर नष्ट करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने वाली है।
दूसरी बार बर्ड फ्लू की चपेट में आया शहर
गौरतलब है कि 9 जनवरी 2020 को भी इसी प्रक्षेत्र में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैला था, जिसके बाद हजारों मुर्गियों और अंडों को नष्ट किया गया था। तब प्रशासन ने संकेत दिया था कि यह केंद्र अब दोबारा संचालित नहीं होगा, लेकिन इसके बावजूद इसे दोबारा शुरू किया गया, जिससे शहर एक बार फिर उसी संकट में फंस गया है।
बीच शहर में हेचरी बना 'टिक-टिक करता टाइम बम'
बैकुंठपुर के बीचोबीच स्थित इस हेचरी को लेकर लगातार विरोध हो रहा है। स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिफ्टिंग की मांग उठाई, लेकिन प्रशासन और नेताओं की अनदेखी के कारण यह अब एक बड़े स्वास्थ्य संकट में तब्दील हो चुका है। संक्रमण के चलते पूरे शहर की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
शिकायतों को किया नजरअंदाज, अब बढ़ा खतरा
नगर पालिका परिषद में प्रतिपक्ष की नेता अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह ने एक सप्ताह पूर्व ही हेचरी से उठने वाली दुर्गंध और इससे होने वाले संभावित संक्रमण को लेकर प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। अब वही लापरवाही पूरे शहर पर भारी पड़ रही है।
क्या कोई ठोस कदम अब उठेगा?
बर्ड फ्लू का संक्रमण केवल पक्षियों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह इंसानों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह शहर एक गंभीर महामारी की चपेट में आ सकता है।
अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई करेगा या फिर यह लापरवाही बैकुंठपुर के लिए किसी बड़े संकट का कारण बनेगी?