कोरिया, 20 मार्च। कोरिया जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (CMHO) में कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार की जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कलेक्टर के निर्देश पर रेगुलर और एनएचएम मद में घोटाले की शिकायतों की जांच के लिए समिति तो बनी, लेकिन सात महीने बाद भी जांच लंबित है।
जांच समिति के आदेशों की हो रही अवहेलना
घोटाले की जांच कर रही समिति ने कई बार एनएचएम शाखा से आवश्यक दस्तावेजों की मांग की, लेकिन अब तक कोई सहयोग नहीं मिला। जांच टीम की लिखित मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। स्थिति यह है कि CMHO खुद एनएचएम शाखा के एक बाबू के सामने असहाय नजर आते हैं, लेकिन वह दस्तावेज देने के बजाय लगातार बहानेबाजी कर रहा है।
आरटीआई की जानकारी देने से इनकार
सूत्रों के मुताबिक, एनएचएम शाखा में पदस्थ बाबू CMHO के आदेशों की खुली अवहेलना कर रहा है। CMHO बार-बार आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी देने की अपील कर रहे हैं, लेकिन हर बार नई तारीख देकर टालमटोल किया जा रहा है। सात महीने से यह स्थिति बनी हुई है।
लेखा शाखा में घोटाले छिपाने की कोशिश
CMHO कार्यालय की लेखा शाखा में भी कांग्रेस कार्यकाल में हुए घोटालों को रफा-दफा करने की कवायद चल रही है। यहां से भी आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी देने से इनकार किया जा रहा है। खासकर डीएमएफ मद से मिले दो करोड़ से अधिक की राशि का कोई हिसाब-किताब नहीं दिया जा रहा और बिटीआर रजिस्टर तक सार्वजनिक करने में आनाकानी हो रही है।
क्या प्रशासन सख्त कदम उठाएगा?
जांच समिति के बार-बार आदेश देने के बावजूद एनएचएम शाखा की मनमानी और CMHO की लाचारगी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। अब देखना यह होगा कि क्या जिला प्रशासन जांच को गति देने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा या भ्रष्टाचार की यह फाइलें धूल फांकती रहेंगी?