रायपुर। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के कई जिलों में एक साथ छापेमारी की है। रायगढ़, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा सहित कुल 14 ठिकानों पर रविवार तड़के 4 बजे से दबिश जारी है।
कई बड़े अधिकारियों के ठिकानों पर छापे
इस कार्रवाई में निलंबित DFO अशोक पटेल, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त (AC) आनंद जी सिंह और शिक्षा विभाग के अधिकारी श्याम सुंदर चौहान के अलावा उनके करीबी सहयोगियों के आवासों पर भी छापे मारे गए। बीजापुर, दंतेवाड़ा और जगदलपुर में आनंद जी सिंह के तीन ठिकानों को खंगाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह मामला सप्लाई और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसमें DMF (जिला खनिज निधि) की राशि में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका है।
DFO के घर से नकदी और सोने की बरामदगी
सुकमा में निलंबित DFO अशोक पटेल के आवास पर छापेमारी के दौरान 5 लाख रुपये नगद और 400 ग्राम सोना बरामद किया गया है। इसके अलावा DFO के कई परिजनों के घरों पर भी EOW की टीम ने दबिश दी है। इन ठिकानों से भी महत्वपूर्ण दस्तावेज और संपत्ति से जुड़े कागजात जब्त किए गए हैं।
13 टीमों ने संभाला मोर्चा
EOW की 13 अलग-अलग टीमों ने एक साथ यह कार्रवाई शुरू की। इस दौरान बड़ी संख्या में नकदी, जेवरात और महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज मिलने की पुष्टि हुई है। टीमों ने अधिकारियों के आवासों के अलावा उनके करीबी रिश्तेदारों और सहयोगियों के ठिकानों को भी निशाने पर लिया है।
DMF फंड में करोड़ों की गड़बड़ी का शक
सूत्रों के मुताबिक, इस छापेमारी में DMF फंड से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के सबूत मिलने की संभावना है। अधिकारियों पर सरकारी योजनाओं और फंड्स में हेराफेरी कर अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं।
EOW की कार्रवाई से हड़कंप
EOW की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है। सरकारी महकमों में चर्चा जोरों पर है और इस मामले में कई और बड़े नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है। EOW ने बरामद दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है, जिसके बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
आगे क्या:
जब्त दस्तावेजों की जांच जारी
DMF फंड में गड़बड़ी के सबूत मिलने की उम्मीद
जल्द हो सकते हैं और बड़े खुलासे
संबंधित अधिकारियों पर हो सकती है सख्त कार्रवाई
EOW की इस कार्रवाई पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हैं। भ्रष्टाचार के इस जाल में और कौन-कौन शामिल है, यह जांच पूरी होने के बाद ही साफ हो पाएगा।