कोरिया | 29 मार्च 2025
त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के अंतर्गत हुए जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पदों के चुनाव में गोंड समाज को समुचित प्रतिनिधित्व न मिलने पर समाज में आक्रोश पनप रहा है। सरगुजा संभाग, जो जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र है, वहां गोंड समाज की बड़ी आबादी होने के बावजूद जिला पंचायत के महत्वपूर्ण पदों पर उनकी अनदेखी की गई है।
गोंड समाज को नहीं मिला जिला पंचायत में प्रतिनिधित्व
पूर्व जिला पंचायत सदस्य शरण सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में कोरिया, सूरजपुर और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले में एक भी गोंड समाज का जनप्रतिनिधि जिला पंचायत अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पद पर नहीं पहुंचा।
संभाग के अन्य जिलों की स्थिति
सरगुजा संभाग के अन्य जिलों में भी गोंड समाज के प्रतिनिधित्व की स्थिति संतोषजनक नहीं रही। जिलेवार स्थिति इस प्रकार है:
जशपुर: अध्यक्ष - सालिक साय (कंवर समाज), उपाध्यक्ष - शेर प्रताप सिंह जूदेव (राजपूत)
बलरामपुर: अध्यक्ष - हीरामणि निगुज (उरांव समाज), उपाध्यक्ष - धीरज सिंह (राजपूत)
सरगुजा: अध्यक्ष - निरूपा सिंह टेकाम (गोंड समाज), उपाध्यक्ष - देवनारायण यादव (यादव समाज)
सूरजपुर: अध्यक्ष - चंद्रमणि पैकरा (कंवर समाज), उपाध्यक्ष - रेखा राजवाड़े (रजवार समाज)
कोरिया: अध्यक्ष - मोहित पैकरा (कंवर समाज), उपाध्यक्ष - वंदना राजवाड़े (रजवार समाज)
एमसीबी: अध्यक्ष - यशवंती पैकरा (कंवर समाज), उपाध्यक्ष - राजेश साहू (तेली समाज)
'साजिश के तहत गोंड समाज को पीछे धकेला गया'
शरण सिंह ने आरोप लगाया कि यह केवल संयोग नहीं, बल्कि एक सोची-समझी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए कुछ दलों ने गोंड समाज के दावेदारों को नजरअंदाज कर अपने करीबी वर्गों को पद दिलवाने का प्रयास किया।
उन्होंने यह भी कहा कि सत्ताधारी दलों के कुछ नेताओं ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए गोंड समाज की अनदेखी की है, जिससे समाज में गहरी नाराजगी है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस भेदभावपूर्ण रवैये का राजनीतिक दलों को भविष्य में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
गोंड समाज के लोगों ने अब अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की बात कही है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर बड़े स्तर पर आंदोलन भी हो सकता है।