फूलों की खेती से समृद्धि की ओर किसान, बारहमासी गेंदा की खेती से संजय पैकरा को मिली अच्छी आमदनी

Chandrakant Pargir

 


कोरिया। जिले के किसानों को अब केवल पारंपरिक खेती तक सीमित नहीं रहना पड़ रहा है। जिला प्रशासन और उद्यानिकी विभाग की पहल से किसान अब फूलों की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। कदमनारा गांव के निवासी किसान संजय पैकरा ने इस दिशा में एक नई मिसाल कायम की है।



संजय पैकरा ने एक एकड़ में बारहमासी गेंदा के फूलों की खेती शुरू की है। उन्हें उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक द्वारा निशुल्क पौधे उपलब्ध कराए गए, जो सालभर फूल देते हैं। इन पौधों को लगाने में उन्हें केवल 5000 रुपए का खर्च आया, लेकिन अब तक 12,000 रुपए की आमदनी हो चुकी है।



सही कीमत न मिलने से परेशानी, नई रणनीति पर काम


हर दिन संजय पैकरा के खेत में गेंदा के फूल खिलते हैं, लेकिन बाजार में उचित दाम न मिलने से उन्हें थोड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बाजार में एक माला की कीमत 20 रुपए तक मिल रही है, जबकि कोरिया जिले में अधिकतर गेंदा का फूल बनारस से आता है, जो महंगा होता है। ऐसे में वे बेहतर बाजार मूल्य प्राप्त करने के लिए नई रणनीति तैयार कर रहे हैं।



फूलों के साथ सब्जी की खेती से दोगुना मुनाफा


गेंदा के फूलों के साथ संजय ने खेत में सब्जी की खेती भी शुरू कर दी, जिससे उन्हें अतिरिक्त मुनाफा हुआ। मात्र 6 महीनों में फूलों की खेती से हुई अच्छी आमदनी ने उन्हें और भी प्रेरित किया है।



किसानों को प्रोत्साहन दे रहा प्रशासन


कोरिया जिले में 80 प्रतिशत किसान धान पर निर्भर हैं, हालांकि अब कुछ किसान गेहूं की ओर भी बढ़ रहे हैं। कम खर्च में अधिक मुनाफे वाली फूलों की खेती के प्रति किसानों की रुचि बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन उन्हें निशुल्क पौधे उपलब्ध करा रहा है। किसानों को बस थोड़ी मेहनत, निरंतर सिंचाई और समय पर फूलों की तुड़ाई करनी होगी।

संजय पैकरा की सफलता अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन रही है। यदि सही बाजार व्यवस्था मिल जाए तो जिले के किसान फूलों की खेती से अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।



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