SECL बैकुंठपुर में POSH अधिनियम 2013 का उल्लंघन: महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल

Chandrakant Pargir

 


बैकुंठपुर: साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) बैकुंठपुर क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए POSH (Prevention of Sexual Harassment) अधिनियम 2013 का पालन नहीं किया जा रहा है। कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए बनी महिला जांच समिति (Internal Complaints Committee) में अधिनियम द्वारा तय नियमों का उल्लंघन हो रहा है।

समिति में बाहरी सदस्य की कमी


POSH अधिनियम 2013 के अनुसार, महिला जांच समिति में कम से कम 5 सदस्य होना आवश्यक है, जिसमें एक बाहरी सदस्य (एनजीओ, समाजसेवी या विधिक विशेषज्ञ) शामिल होना चाहिए। बाहरी सदस्य का उद्देश्य जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। लेकिन SECL बैकुंठपुर की समितियों में केवल कंपनी के आंतरिक कर्मचारियों को ही शामिल किया गया है। इससे निष्पक्ष जांच और महिलाओं को न्याय मिलने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।


डिस्प्ले बोर्ड और जानकारी का अभाव


अधिनियम की धारा 19(b) के तहत महिला जांच समिति के सदस्यों के नाम और फोन नंबर सभी कार्यालयों में प्रमुखता से प्रदर्शित होने चाहिए। लेकिन बैकुंठपुर क्षेत्र के किसी भी कार्यालय में यह जानकारी प्रदर्शित नहीं की गई है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि महिला कर्मचारियों को उनके अधिकारों और शिकायत प्रक्रिया से अनभिज्ञ बनाए रखने का संकेत भी देता है।


जांच प्रक्रिया पर सवाल


महिलाओं का कहना है कि लैंगिक उत्पीड़न के मामलों की जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता नहीं है।

बाहरी सदस्य की कमी: केवल आंतरिक सदस्यों के कारण प्रबंधन आरोपियों को बचाने में सक्षम हो जाता है।

महिलाओं का शोषण: कार्यस्थल पर अधिकतर महिलाएं अनुकंपा नियुक्ति के तहत काम करती हैं, जो पहले से ही दबाव में रहती हैं। इस स्थिति में शिकायत दर्ज करना उनके लिए और कठिन हो जाता है।


समिति गठन की प्रक्रिया


POSH अधिनियम 2013 के नियमों के अनुसार, महिला जांच समिति में:

1. 5 सदस्य अनिवार्य हैं।


2. कम से कम 1 बाहरी सदस्य होना चाहिए।


3. आंतरिक सदस्यों में लैंगिक संतुलन होना चाहिए।


4. समिति को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए।


लेकिन बैकुंठपुर में यह नियम कभी भी सही ढंग से लागू नहीं किया गया


2013 से 2024 तक अनदेखी


POSH अधिनियम लागू हुए 11 साल बीत चुके हैं, लेकिन SECL बैकुंठपुर में इसकी कोई ठोस व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। महिला कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधन इस अधिनियम को लेकर कभी गंभीर नहीं रहा।

POSH अधिनियम का पालन केवल संस्थानों की जिम्मेदारी नहीं है; राज्य सरकार की भी यह जिम्मेदारी है कि वह कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। SECL बैकुंठपुर क्षेत्र में POSH अधिनियम 2013 के उल्लंघन ने महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों को खतरे में डाल दिया है। क्या राज्य सरकार और SECL प्रबंधन इस पर आवश्यक कदम उठाएंगे, या यह लापरवाही जारी रहेगी? महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!