बैकुंठपुर (कोरिया) कोरिया पुलिस ने पटना थाना अंतर्गत ग्राम चम्पाझर में हुई बालक की मौत के मामले को सुलझाने में कामयाबी पाई है, कोरिया पुलिस अधीक्षक सूरज1 सिंह चौहान ने मामले का खुलासा किया।।
उन्होंने बताया कि दिनांक 20.11.2024 को सुबह करीब 05 बजे आरोपी के कहने पर नाबालिक बालक (जिसने आत्महत्या कर ली है।) ने उसे डराने के लिए अपने घर से चाकू भी ले लिया और दोनो चम्पाझर गांव के बाहर लालीबांच के पास माईकल के निर्माणाधीन मकान में करीब 10-15 मिनट तक उसका इंतार किये, जैसे ही वह बाकि बच्चों के साथ अपने सायकल पर माईकल के घर के पास पहुँचा, नाबालिक बालक (जिसने आत्महत्या कर ली है।) वह भी साथ चलूंगा बोलकर उसके सायकिल में बैठ गया। सभी मुरमा रोड की तरफ चले गये। करीब एक घण्टे बाद जब दोनो नाबालिक बालक (जिसकी हत्या हुई और जिसने फासी लगा लिया) आने लगे तब आरोपी उनसे 12 नम्बर पुलिस के पास मिला और दोनो अपहृत बालक से बात करते हुए उसे पहाड़ी की तरफ से गये एवं सायकिल को पहाड़ी के नीचे ही खड़ा करने को कहा। पहाड़ी पर जब आरोपी ने उसे कहा कि क्यू तू मेरे घर में बतायेगा, जिस पर यह हसने लगा और बोला मै तो बताउंगा। फिर पहले उन लोग उसे डराये कि तू बतायेगा तो तुझे मार देंगे फिर भी वह नहीं मान रहा था। बार-बार बोल रहा था मैं तो तेरे घर में बताउंगा, जिस पर उन दोनो को गुस्सा आ गया और आरोपी महेश प्रजापति वहीं पर रखे भारी पत्थर से उसके सिर पर मार दिया जिससे उसके सिर से खून निकलने लगा और वह वहीं पर गिर गया। इसके बाद गुस्से में आरोपी अपने पेट के पीछे छिपाये हुए चाकू को निकालकर उसके बाए तरफ गर्दन में यार किया जिससे वह यहीं पर मर गया। चाकू से अरोपी उसकी गर्दन काट रहा था पर पर चाकू छोटा होने से गर्दन पूरी तरह से नहीं कटा। यह सब देखकर नाबालिक बालक (जिसने आत्महत्या कर ली) वह वहीं से भाग गया। अरोपी का मोबाईल यही गडढे में गिरने से उसका स्कीन टूट गया जिसे वह वही पर निकाला और अकेला हो गया था। मृतक के जैकेट और इनर को वहीं गहढे में फेकरकर उसको वहीं उसी गडढे में धकेलकर चाकू वहीं फेंका और पहाड़ी के नीचे आ गया। यापस आते समय आरोपी ने सायकिल को यहीं झाड़ी में छुपा दिया और नाबालिक बालक (जिसने आत्महत्या की है) को उसका झोता वहीं फेकने के लिये बोलकर यहां से अपने घर आ गया। अगले दिन उसकी सायकिल को झाडियों से निकालकर माईकल के खण्डहर घर में छिपा दिया।
उक्त आरोपी महेश प्रजापति से परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिलने व उसके अन्य मित्रों के कथन के आधार पर घटना के संबंध में बारिकी से पूछताछ किया गया। जिस पर उसने बताया कि उसका महिला गित्र के साथ गले मिलते हुए मृतक ने देख लिया था, और बार-बार उसके घर में बताने के लिए बोल रहा था जिसके डर से उसने मृतक बालक को समझाने का प्रयास किया पर वह नहीं मान रहा था। इसलिए उसकी हत्या कर दी है। आरोपी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही कर उसे न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा जा रहा है।
गुमशुदगी की लिखी थी रिपोर्ट
मामले में मृतक नाबालिक बालक के पिता ने थाना में उपस्थित होकर दिनांक 20 नवबंर 2024 की रात्रि रिपोर्ट दर्ज कराया गी कि उसका नाबालिक बालक उम्र 13 वर्ष सापकत से बेड बेचने के लिए अपने दोस्तो के साथ गया हुआ था, जो वापस नहीं आया सभी रिश्तेदारी में पता तलाश किया, जिसका कहीं भी पता नहीं चल रहा है। जिसकी रिपोर्ट पर थाना में अपराध कायम किया जाकर अपतृत बालक की खोजबीन प्रारंभ की गई। इसी दौरान दिनांक 22 नवंबर 2024 को अपहृत बालक के परिजन द्वारा सूचना दिया गया कि अपहृत बालक की सायकिल को गांव का महेश प्रजापति बेचने का प्रयास कर रहा है, जिसकी सूचना पर अविलंब सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक पुलिस अनुविभागीय अधिकारी के नेतृत्व में टीम का गठन कर तत्काल उक्त बातक की खोजबीन करने के लिए निर्देशित किया गया था। कोरिया पुलिस की अलग-अलग टीमें लगातार विभिन्न स्थानों पर नाबालिक बालक की बारिकी से खोजबीन कर रही थी। सायबर टीम का सहयोग भी लगातार लिया जा रहा था।
संदिग्घ से पुलिस ने पूछताछ
संदिग्ध महेश कुमार प्रजापति से पूछताछ किया, जिसने पुलिस को गुमराह करते हुए बताया कि सायकल को यह गांव के बाहर निर्माणाधीन मकान से प्राप्त किया है। जिसमें संदेह होने से आस पड़ोस के सभी नदी-नालो व जंगल झाड़ी में अपकृत की खोजबीन की जा रही थी। तभी शाम करीच 06 बजे गांव के संरपंच व ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि जंगल में अपकृत बालक का ब्रेड याला झोला लावारिस हालत में पड़ा हुआ मिला है। जिससे अपहृत बालक के साथ अप्रिय घटना होने की पूर्ण आशंका होने पर डॉग स्काण्ड, सायबर सेल एवं कोरिया पुलिस की टीमें हरसंभव अपहृत बालक को तलाशने का प्रयास करने लगी। सायबर टीम के द्वारा घटना स्थल पर आरोपी महेश की उपस्थिति तथा अपहृत बालक के साथ ब्रेड बेचने जाने वाले अन्य बच्चों से पूछताछ किया गया। जिन सभी ने बताया कि नाबालिक बालक (जिसने आत्महत्या की है) यह उसी दिन अपहृत बालक के साथ गया था, जो कि इससे पूर्व नहीं जाता था। एवं घटना स्थल पर आरोपी की उपस्थिति के साक्ष्य से हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया।
पूछताछ में आरोपी महेश कुमार प्रजाति ने बताया कि यह यह पिछले दो हफ्तो से अपने दादा-दादी के यहां ही आकर रह रहा था, रोज चम्पाझर से मुरमा रोड अपने मित्र अनुराग एवं अन्य के साथ भोर में टहलने जाया करता था, जहाँ उसकी मुलाकात अनुराग की महिला मित्र की सहेली से हुई। फिर दोनो मिलने लगे थे और एकदूसरे को पसंद करने लगे थे। सुबह-सुबह घुमने जाने के दौरान ही चम्पाझर गांव के बेड बेचने वाले बच्चों को मुरमा की तरफ जाते देखता था, 2-3 दिन बाद वह अपनी महिला मित्र से बात करते हुए उसे सुबह-सुबह 12 नंबर पुलिया पर बुत्ताया था एवं गले लगा रहा था तभी ब्रेड बेचने के लिए जा रहे नाबालिक बालक (जिसकी हत्या हुई है, नाम गोपनीय रखा गया है। उसे देख लिया, पर उस दौरान उसने कुछ नहीं। करीब 02 दिन तक यह बोला कि तेरे घर में बता दूंगा। जिससे वह काफी डर गया और अपने दादा के घर के पडोसी नाबालिक बालक (जिसने आत्महत्या कर ली है।) को बताया और उसे कहा कि हम लोग उसे जंगल ले जाकर समझायेंगे जिस पर वह मान गया।