एसईसीएल प्रबंधन लैंगिक उत्पीड़न मामले में कर रहा है टालमटोली, जिस पर आरोप उसी को सौंपी जांच, वाह रे एसईसीएल प्रबंधन ये है तेरा न्याय- पार्ट 1

Chandrakant Pargir

 



बैकुंठपुर (कोरिया) 14 नवम्बर। एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र सहित तमाम कॉलरी सह क्षेत्रों में कई तरह का गड़बड़झाला तो है ही ताजा प्रकरण एक महिला के लैंगिक उत्पीड़न का सामने आया है, जिसमे चरचा के सहक्षेत्र प्रबंधक बीके जेना से शिकायत की गई तो उन्होंने जांच उसी कार्मिक प्रबंधक अशोक कुमार विश्वास को दी जिसके खिलाफ महिला ने लैंगिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे, एफआईआर दर्ज हुई, अब मामले की सुनवाई को बाधित करने प्रकरण को लंबित करने में एसईसीएल प्रबंधन ने पूरा ज़ोर लगा रखा है। गौरतलब है कि पूरा मामला एसईसीएल के एक ही विभाग के इर्द गिर्द घूमता है।


मामला चरचा सह क्षेत्र प्रबंधक से जुड़ा हुआ 6 साल पुराना है, यहाँ कार्यरत एक महिला ने कार्मिक प्रबंधक अशोक कुमार विश्वास पर गंभीर लैंगिक उत्पीड़न के आरोप लगाए,  मामले की शिकायत चरचा सह क्षेत्र प्रबंधक बी के जेना को की, सह क्षेत्र प्रबंधक बीके जेना ने उसी शिकायत पत्र की जांच का जिम्मा उसी कार्मिक प्रबंधक अशोक कुमार विश्वास को सौंप दिया जिसके खिलाफ शिकायत की गई थी। अशोक कुमार विश्वास ने स्वयं की जांच अपने अधीनस्थ अधिकारी वरिष्ठ कार्मिक  सुरेश कुमार को करने के लिए निर्देशित कर दिया, महिला का आरोप है कि जांच में खानापूर्ति कर मामले में महिला को ही दोषी ठहरा दिया।


घटना दूसरी दिन की गवाहों ने बताया दूसरा दिन


जांच अधिकारी ने मामले में उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के बयान लिया जिसमे जिस दिन घटना हुई सभी ने दूसरे दिन घटना की बात बताई और सभी के बयान कॉपी पेस्ट एक जैसे लिखकर मामले मे महिला को दोषी ठहरा दिया।


हुई एफआईआर दर्ज


इस बीच प्रबंधन महिला पर दबाव देकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश करने लगा, जिसके बाद महिला ने हिम्मत जुटाई औऱ चरचा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद अशोक कुमार विश्वास के विरुद्ध चरचा थाने में एफआईआर दर्ज हुई, मामले में सह क्षेत्र प्रबंधक बीके जेना को आरोपी नही बनाया गया, जबकि लैंगिक उत्पीड़न के आरोपी को ही जांच देने के मामले में वो भी आरोपी थे। एफआईआर के विरुद्ध अशोक कुमार विश्वास माननीय उच्च न्यायालय पहुंच गए, जहां मामले की सुनवाई जारी है।


अगले अंक में पढ़िए


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क्रमशः

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