छत्तीसगढ़ सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन, अब गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बना टाइगर रिज़र्व, नाम रहेगा गुरु घासीदास- तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व

Chandrakant Pargir


बैकुण्ठपुर (कोरिया) 18 नवंबर। इस वर्ष  7 अगस्त  को गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को राज्य के मुख्यमंत्री ने  टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा की है, मंत्रिमंडल की बैठक में इसका फैसला लिया गया।, वही आज राज्य सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जिसे लेकर लोगो मे काफी खुशी ल माहौल देखा जा रहा है। वही बाघ और तेंदुए की मौत के बाद टाइगर रिज़र्व बनने के नोटिफिकेशन के आने अब पार्क के दिन फिरेंगे ऐसी संभावना देखी जा रही है।


जानकारी के अनुसार कांग्रेस सरकार के समय एनटीसीए की अनुमति के बाद राज्य सरकार इसे अधिसूचित नहीं कर पाई है। जबकि यहां बढ़ते टाइगर यहां के उनके हिसाब की आबोहवा के परिचायक साबित हो रहे है। मप्र के सीधी जिले से सटे होने के साथ अब यह झारखंड के पलामू जिले तक टाइगर के लिए बेहद लंबा कोरिडोर साबित हो रहा है। पूर्व में संजय पार्क का हिस्सा रहा, बांधवगढ टाइगर रिजर्व और तमोर पिंगला अभ्यारण से लगा हुआ गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान अब नया रूप ले चुका है। 2301.57 वर्ग कि मी में फैला हुआ यह उद्यान अब तमोर पिंगला अभ्यारण के साथ जोड एशिया का सबसे बडा टाईगर कोरिडोर बनने जा रहा है। इसमें संजय टाइगर रिजर्व मप्र का 1774 वर्ग किमी और 483 वर्ग किमी बगदरा को जोडकर बाघों के आने जाने के लिए एशिया का सबसे बडा टाईगर कोरिडोर कहलाने लगा है। जो कि अब तक का राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर सबसे 209 किमी लंबा होगा। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्राकृतिक जल स्त्रोत मौजूद है जिसके कारण आसपास के क्षेत्रों से वन्य जीव यहां चले आते है। कोरिया जिले मेे स्थित गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में दुर्लभ वन्य जीवों के लिए अब सबसे सुरक्षित आरामगाह बन चुका है। वन्य प्राणियांे के संरक्षण संर्वधन के लिए अच्छी जगह साबित हो रही है। अब देखना है राज्य सरकार इसे टाइगर रिजर्व के रूप में कब तक अधिूसचित करती है।





बांधवगढ़ से पलामू टाईगर कोरिडोर


मनेंन्द्रगढ़ वनमंडल के केल्हारी परिक्षेत्र मंे एक व्यक्ति की जान लेने वाला बाघ झारखंड के पलामू मे देखा गया, इससे पहले वो गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के बाद तमोर पिंगला अभ्यारण्य उसके बाद बलरामपुर वनमंडल में काफी समय तक लोगों को दिखा, बाद में वो झारखंड की सीमा मंे प्रवेश कर गया, पहले गढवा और फिर बाद में पलामू जिले में देखा गया। वन विभाग के अधिकारी इसे एक बाघों के लिए शानदार कोरिडोर मानते है। गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान की सीमा संजय टाइगर रिजर्व से लगी हुई है, जिससे ये बाघ पार्क क्षेत्र में आया और फिर यहां से विचरण करता वो झारखंड में पहुंच गया।




सेंपल भेजे जा रहे दिल्ली


बाघ से जुडी हर जानकारी समय समय पर दिल्ली भेजी जा रही है। पार्क अधिकारियों की माने तो बाघ के मल को टेस्ट के लिए दिल्ली भेजा जा रहा है, जीपीएस ट्रेकिंग भी जा रही है। उन्होनें बताया कि बाघ एक ही बार में 15 दिन तक का भोजन खा लेता है, हर दिन वो 15 से 20 किमी चलता है, ऐसे में उसे आम लोगोे से दूर रखना बेहद जरूरी है।



26 प्रकार के है जीव जन्तु


पार्क क्षेत्र में कई बाघ बाघिन के अलावा तेंदुआ, चीतल, सांभर, कुटरी, चौरसिंगा, नीेलगाय, गौर, जंगली सुअर, चिंकारा, माउस डियर, भालू, जंगली बिल्ली, सियार, लोमडी, पैगोलिन, स्याही, पाम सिवेट, छोटा सिवेट, बुश रेट, काले बंदर, लाल बंदर, बडी गिल्हरी, के साथ दुर्लभ उदबिलाव, कवर बिज्जू, ट्री शिओ भी यहां मौजूद है। इसके अलावा जंगली हाथियों का झुंड का आना जाना लगा रहता है। इसके अलावा गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में नील गाय व तेंदुओं की संख्या भी काफी तादात में है।



बारहमासी नदियों के उद्गम का है केन्द्र


गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कई बडी बाहरमासी नदियों के उद्गम का केन्द्र है, यहां पूरे क्षेत्र में नदियों के साथ उसकी सहायक नदियों का जाल बिछा हुआ है, यही कारण है कि अन्य टाईगर रिजर्व से अलग है और इसे जंगली जीव जन्तुओं के रहने के लिए सबसे अच्छी जगह मानी गई। यहां से पैरी, गोपद, रांपा, दौना, महान, जगिया, बैरंगा, लोधार, झांगा, नेउर और खारून जैसे नदियां पूरे साल भर बहती रहती है।


टाइगर रिज़र्व अब तक कब क्या हुआ


कोरिया जिले में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व के नाम से घोषित किया, सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। 


इससे पहले


2012 में तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने का सैद्धांतिक फैसला लिया।


• 2021 में राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र की हरी झंडी मिली। राज्य को नोटिफिकेशन जारी करना था।


• 2024: 7 अगस्त को भाजपा सरकार ने हाईकोर्ट से कहा- हफ्तेभर में नोटिफिकेशन जारी करेंगे। मंत्रिमंडल में लिया फैसला


-2024 18 नवंबर - आज छत्तीसगढ़ सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान- गुरु घासीदास- तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व कहलायेगा।


#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!