स्वच्छता किट मामला- जनपद पंचायत के बाबू को जिला प्रशासन के निर्देश पर हटाया, आदेश जारी, बाबू को नही दिया आदेश, फटाफट 50 से ज्यादा फ़ाइल बढ़ाई।

Chandrakant Pargir


बैकुंठपुर 26 अक्टूबर। सोनहत के 15 वां वित्त शाखा देख रहे बाबू को स्वच्छता किट की जांच के पूर्व सभी शाखाओं का प्रभार जिला प्रशासन के आदेश से छीन लिया गया है, इधर, सूत्रों की माने तो बाबू को जानबूझकर आदेश तमिल नही कराया गया, ताकि दीवाली सही तरीके मनाया जा सके, बाबू ने भी एक दिन में 50 से ज्यादा फ़ाइल भुगतान के लिए बढ़ा दी है वही सूत्रों का कहना है कि आज शनिवार छुट्टी के दिन भी बाबू दिनभर तमाम भुगतान आदेश जारी करने में जुटे रहने की संभावना है जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि जिला प्रशासन का डर भय अधिकरियों में खत्म हो चुका है। 24 और 25 अक्टूबर 2024 को बाबू के अधीन शाखाओं की फाइलों से हुए भुगतान पर रोक लगाते हुए जांच की जानी चाहिए। आपको बता दे सोनहत जनपद के कई पंचायत के सरपंच खुलकर बाबू पर स्वच्छता किट सप्लाई की बात कही थी, कि बाबू के द्वारा अपनी गाड़ी में लाकर सप्लाई करने की बात स्वीकार रहे है वही कई दागी सचिवों का बाबू को साथ मिल रहा है।


दरअसल,  स्वच्छता किट मामले का खुलासा सबसे पहले इनसाइड स्टोरी ने किया था जिसके बाद कलेक्टर ने मामले में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर जांच के निर्देश दिए है, जांच पूर्व प्रशासन ने  जनपद के बाबू को हटा दिया, परंतु वो धड़ल्ले से निर्माण सहित अन्य शाखाओं की फ़ाइल भुगतान के लिए निपटा रहा है ताकि प्रभार के पूर्व मलाईदार फ़ाइल का भुगतान हो सके।


बाबू के पास मलाईदार शाखा


सोनहत में जिस बाबू पर स्वच्छता किट और वाटर कूलर की सप्लाई का आरोप लग रहा है, उसके पास कई मलाईदार शाखाओ का प्रभार है, यही कारण है कई दागदार सचिव बाबू की पैरवी करने में जुटे हुए है।


निर्माण शाखा की जांच जरूरी

जनपद पंचायत सोनहत के निर्माण शाखा की जांच बेहद जरूरी है, ग्राम पंचायत सोनहत में ही करोड़ो के काम आज तक अधूरे है जबकि राशि निकाल ली गई है, करोड़ो के काम कांग्रेस के सरकार के समय के है। इसी तरह दर्जनों ग्राम पंचायत ऐसी है जहां के निर्माण कार्यो की राशि बाबू की मिलीभगत से निकाल ली गई है, काम आज तक पूर्ण नही हो पाया है। सवाल यह खड़ा हो रहा है सैकड़ो अधूरे निर्माण कार्यो की राशि का भुगतान कैसे कर दिया गया।


एक ही वेंडर का टेंट क्यों

जनपद पंचायत सोनहत में यदि कोई आयोजन होगा तो एक ही वेंडर का टेंट लगाया जाता है, ऐसा सूत्र बता रहे है फिर चाहे ये आयोजन रामगढ़ में ही क्यों न हो, ये वेंडर किस बाबू का रिश्तेदार है ये सब जानते है। ये सिलसिला कोई एक दो साल से नही वरन 20 साल से जारी है। सहज अंदाजा लगाया जा सकता है किस तरह यहां भ्रष्टाचार जारी है। यदि यहां भी बाबू की संपत्ति की जांच हो तो मनेन्द्रगढ़ की तरह यहां भी आय से अधिक संपत्ति का मामले का खुलासा हो सकता है।

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