बैकुण्ठपुर। कोरिया जिले से हटाये गए सीएमएचओ डॉ आरएस सेंगर न सिर्फ जिला अस्पताल से मरीजों को अपने निजी क्लीनिक बुलाकर आंखों के ऑपरेशन कर रहे है बल्कि मनमाफिक रकम भी ऐंठ रहे है, तत्कालीन कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के आशीर्वाद से इन्हें नियमविरुद्ध भ्रष्टाचार करने की छूट मिली हुई थी, आपको बता दे तत्कालीन कलेक्टर का कोरिया जिले के इतिहास में सबसे भ्रष्ट कार्यकाल रहा है। आगे आपको इसका खुलासा भी करेंगे।
दरअसल, सोनहत के एक पत्रकार साथी के पिता विजय गुप्ता को मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना था, नए नए सीएमएचओ बने नेत्र विशेषज्ञ डॉ आरएस सेंगर से हमारे साथ कुछ पत्रकार मिले तो उन्होंने जिला अस्पताल में ऑपरेशन नही करने का बोल हमे निजी चरक आई क्लीनिक महलपारा में आने को कहा, हम सब ने सोचा कि शायद निजी क्लीनिक नई टेक्नोलॉजी की मशीनें होंगी, इसलिए निजी क्लीनिक में ऑपरेशन करने की बात कह रहे होंगे, हम सब 1 जनवरी 2023 को महलपारा स्थित चरक आई क्लीनिक में पहुंचे जहां उन्होंने शाम के समय श्री विजय गुप्ता की एक आंख में हुए मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया, मौके पर कुछ पत्रकार भी उपस्थित रहे, ऑपरेशन के बाद जब डॉ सेंगर से पैसे का पूछा तो उन्होंने 20 हजार की मांग की, हम सब एक दूसरे को देखने लगे, श्री विजय गुप्ता ने कहा कि नकद तो पैसा वो लाए नही है, डॉक्टर साहब ऑनलाइन पैसा ले लेंगे तो उन्होंने कहा हा ले लेंगे, जिसके बाद श्री गुप्ता ने ठीक शाम 7 बजकर 28 मिनट पर डॉक्टर आरएस सेंगर के मोबाइल नंबर 9425344820 पर 20 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। वहां से जाने के बाद श्री विजय गुप्ता को आंखों में धुंधला दिखने लगा, और उन्होंने दूसरे आंख के डॉक्टर से सम्पर्क कर आंखों का दुबारा इलाज करवाया।
15 हजार मांगने पर निलंबित, यहां तो 20 हजार ले लिए
हाल ही में जिला अस्पताल के तत्कालीन सीएस पर आरोप लगा कि उन्होंने ऑपरेशन करने के नाम पर महिला से 15 हजार की मांग की, तत्कालीन प्रभारी सीएमएचओ डॉ सेंगर ने भयानक तत्परता दिखाई और दो घण्टे में रिपोर्ट रायपुर भेज दी और तीसरे घंटे तत्कालीन सीएस और हड्डी रोग विशेषज्ञ निलंबित कर अंबिकापुर अटैच कर दिए गए, पर अब देखना है जिला अस्पताल से निजी क्लीनिक बुलाकर 20 हजार लेकर बन्द क्लीनिक में ऑपरेशन करने वाले वही तत्कालीन प्रभारी सीएमएचओ डॉ सेंगर पर किस तरह कार्यवाही होती है?
बन्द क्लीनिक के नाम पर घर मे कर रहे ऑपरेशन
सरकारी रिकॉर्ड में चरक आई क्लीनिक दिसंबर 2021 से बन्द है, नसिंग होम एक्ट के तहत लाइसेंस नही मिला है, पर श्री विजय गुप्ता ने नेत्र का ऑपरेशन 1 जनवरी 2023 को किया गया, याने की बन्द चरक आई क्लिनिक में ऑपरेशन तो किया ही जा रहा है, जिला अस्पताल से मरीजों को निजी क्लिनिक भेजकर जमकर आर्थिक लाभ भी कमाया जा रहा है। कुछ माह पूर्व चरक आई क्लीनिक महलपारा स्थित डॉ ए एन सिंह के मकान में किराए से संचालित था जहां श्री विजय गुप्ता के नेत्र का ऑपरेशन किया गया, अब वहां सिर्फ बोर्ड लगा हुआ है, ऑपरेशन नए घर मे किए जा रहे है।
चरक आई क्लीनिक बन्द पर लेटर पेड पर संचालित
रोजाना दर्जनों मरीजों का इलाज तत्कालीन प्रभारी सीएमएचओ डॉ आरएस सेंगर के द्वारा चरक आई क्लीनिक के लैटर पेड में दवाइयां लिख कर किया जा रहा है, लैटर पेड में उनका वो नंबर भी डला हुआ है जिस नंबर में ऑनलाइन भुगतान किया गया और यही नंबर महलपारा में लगे बोर्ड पर भी लिखा हुआ है। ये लैटर पेड में 9 अगस्त 2024 की डेट भी डली है।
मोतियाबिंद के ऑपरेशन की नही दी जा रही जानकारी
नर्सिंग होम एक्ट के तहत निजी क्लीनिक हो नर्सिंग होम हर तरह के ऑपरेशन की जानकारी हर महीने दिया जाना अनिवार्य है ताकि सरकार को इसके आंकड़े से पता चलता रहे कि मोतियाबिंद के कितने मरीज थे जिनका ऑपरेशन किया गया, पर प्रभारी सीएमएचओ जिस क्लीनिक में वर्षों से ऑपरेशन कर रहे है वो क्लीनिक ऑपरेशन की जानकारी नही दे रहा है। जो कि नियमो का बड़ा उल्लंघन है। मामले में सूचना के अधिकार के तहत बैकुण्ठपुर स्थित चरक आई क्लीनिक को लेकर यह जानकारी मांगी गई कि इस क्लीनिक द्वारा अब तक किए ऑपरेशन की सूची दीजिए, तो सीएमएचओ कार्यालय से जवाब आया कि क्लीनिक बन्द हो चुकी है, ऐसी कोई जानकारी नही है।
बन्द होने की सूचना की मांग की गई
जब सूचना के अधिकार के तहत चरक आई क्लीनिक महलपारा को लेकर यह जानकारी मिली कि क्लीनिक बन्द हो चुकी है तो उसके बाद यह जानकारी की मांग की गई कि चरक आई क्लीनिक के बन्द होने की सूचना की जानकारी दीजिए, तब पहली बार चरक आई क्लीनिक की संचालक चंद्रावती तोमर के हस्ताक्षर वाला पत्र सूचना के अधिकार के तहत सामने आया जिसमे उनके द्वारा यह बताया गया कि चरक आई क्लीनिक महलपारा बीते 28 दिसंबर 2021 से बन्द है।
ढाई साल बाद बंद होने की सूचना
एक तरफ प्रभारी सीएमएचओ नसिंग होम एक्ट के पालन नही करने पर बैकुण्ठपुर स्थित नसिंग होम बन्द करवा रहे थे दूसरी तरफ खुद नियमो की धज्जियां उड़ा रहे थे, जिस चरक आई क्लीनिक में वो जाकर ऑपरेशन कर रहे है उसके बन्द होने की सूचना ढाई साल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग को दी जा रही है, 28 दिसंबर 2021 से बन्द चरक आई क्लीनिक के बन्द होने की सूचना क्लीनिक की संचालक चंद्रावती तोमर ने 3 जून 2024 को सीएमएचओ कार्यालय को दी, जिससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि खुद के लिए प्रभारी सीएमएचओ ने नियमो को दरकिनार कर रखा था और कागजो में बन्द क्लीनिक में धड़ाधड़ ऑपरेशन कर रहे है।
नर्सिंग होम एक्ट के उल्लंघन पर कर रहे थे कार्यवाही
तत्कालीन प्रभारी सीएमएचओ डॉ आरएस सेंगर ने कांग्रेस सरकार के समय शर्मा नसिंग होम के खिलाफ खुद खड़े रहकर कार्यवाही की, एक महीना तक शर्मा नसिंग होम बन्द रहा, बाद में इस कार्यवाही पर स्वास्थ्य विभाग में अपील की गई तो फटकार मिली कि आखिर इतने पुराने अस्पताल को बन्द करने की जल्दबाजी क्यों दिखाई गई? एक दो और चिकित्सक के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कार्यवाही की, परंतु खुद नियमो की धज्जियां उड़ा रहे थे, अब देखना है कि इनके खिलाफ किस तरह की कार्यवाही की जाती है।