बैकुण्ठपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के द्वारा 19 सितंबर 2023 में दिए गए एक महत्वपूर्ण आदेश में चिरमिरी के एसईसीएल अधिकारियों के द्वारा पालन नहीं करने के कारण छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने इन अधिकारियों के विरुद्ध पेश किए गए अवमानना याचिका को स्वीकार कर अवमाननाकर्तागण को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।
चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के द्वारा वर्ष 2019 में एक रिट याचिका प्रस्तुत कर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से मांग किया था कि चिरमिरी में स्थित सती मंदिर को संरक्षित किया जाए क्योंकि प्राचीन स्मारक तथा पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 की धारा 2 के तहत जो वस्तु 100 वर्ष से पुरानी हो जाती है वह पुरातात्विक संपत्ति के रूप में घोषित हो जाती है उसके संरक्षण की जिम्मेदारी केंद्र एवं राज्य सरकार की होती है।
इस संबंध में बता दें कि छत्तीसगढ़ पुरातत्व विभाग इस संबंध में विधिवत जांच और प्रतिवेदन राज्य सरकार और केंद्र सरकार को पेश किया था. इस प्रतिवेदन में उन्होंने माना था कि चिरमिरी क्षेत्र में स्थित सती मंदिर 14वीं-15वीं शताब्दी का है इसे संरक्षित किया जाना चाहिए.
इस आधार पर राजकुमार मिश्रा के द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका क्रमांक 3519 वर्ष 2019 प्रस्तुत किया गया था. याचिकाकर्ता राजकुमार मिश्रा के याचिका पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। इसके पश्चात छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका क्रमांक 150 वर्ष 2022 प्रस्तुत की गई. इस जनहित याचिका के साथ आईटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा की याचिका भी जोड़ दी गई और दोनों याचिकाओं की सुनवाई एक साथ दिनांक 19 सितंबर 2023 को किया गया.
इस याचिका में दिए निर्देश का पालन एसईसीएल चिरमिरी के अधिकारियों के द्वारा विधिवत नहीं किया जा रहा था, साथ ही सती मंदिर के अवशेष जिसमें देवी-देवताओं की मूर्तियां थी, फावड़ा, बेल्चा, गैती आदि से खोदकर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया और इस मंदिर को नष्ट करने के उद्देश्य से यह बहाना बनाकर की कोयला निकालना है बारूद लगाकर ब्लास्ट किया गया, जिसमें जमीन के अंदर की कई मूर्तियां नष्ट हो गई।
आम जनता के शिकायत पर इस संबंध में एसडीएम चिरमिरी के आदेश से चिरमिरी थाना में एसईसीएल के अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया।
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर आईटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका प्रस्तुत की गई, जिसे उच्च न्यायालय के द्वारा स्वीकार कर लिया गया और दोषी अधिकारी मनीष कुमार सिंह उप क्षेत्रीय प्रबंधक बरतुंगा, अरुण चौहान उप क्षेत्रीय प्रबंधक क़ुरासिआ तथा चैनमैन राजेश्वर श्रीवास्तव के विरुद्ध अवमानना नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया गया है।