एमसीबी। एमसीबी जिले के भरतपुर में पहली बार मनरेगा के तहत ऑफलाइन बाउंड्रीवाल निर्माण की स्वीकृति कर दी गई है, उंसमे जानबूझकर 15वें वित्त की राशि को जोड़कर किसी तरह से निर्माण कार्य की सही स्वीकृति बताने का प्रयास किया गया, मामले में एमसीबी कलेक्टर से जांच कर इस नियमविरूद्ध स्वीकृति में शामिल सभी अधिकारी कर्मचरियों पर कार्यवाही की मांग की गई है।
जानकारी के अनुसार बीते वर्ष साल के अंतिम माह 15 मार्च 2024 में एक ही आदेश के तहत ग्राम पंचायत पतवाही को तीन कार्य ऑफलाइन स्वीकृत किए गए, जिसमें ज्वालामुखी मंदिर परिसर में आहाता निर्माण 5.88 लाख, 2 आरसीसी पुलिया निर्माण 5 लाख और 10 लाख रुपए की लागत से स्वीकृति दी गई, इस नियम विरूद्ध स्वीकृति की जांच कर कार्यवाही की मांग की गयी है। संभवतः अविभाजित कोरिया का यह पहला मामला है जब बांउड्रीवाल निर्माण मनरेगा के तहत स्वीकृत किया गया है, स्वीकृति के बाद से ही इस पर सवाल खडे हो रहे है, वहीं ग्राम पंचायत पतवाही को पूर्व में भी जनकपुर में एजेन्सी बनाए जाने का विरोध हुआ है, कांग्रेस शासन में हुए कार्यो की जांच की भी मांग की गई है। इसके अलावा भरतपुर में 2 हजार से ज्यादा पीएम आवास अधूरे है, इसके पीछे क्या कारण है, पीएम आवास की किश्त और निर्माण में देरी को लेकर जांच की मांग की गई है। वहीं वन अधिकार पट्टा के ऑनलाइन, जनपद निधि, स्टेशनरी सहित तमाम खरीदी की भी जांच की मांग की गई है।